राजेंद्र पवार की जीवनी निश्िचत रूप से समाज के लिए प्रेरक

‌‘राजेंद्र पवार- एक प्रकाशझोत" पुस्तक का विमोचन करते हुए डॉ. श्रीपाल सबनीस ने कहा

    20-Jun-2024
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पुणे, 19 जून (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) ‌
 
‘प्रकाश देना ही महावितरण का धर्म है. महावितरण के चीफ इंजीनियर राजेंद्र पवार पिछले 36 सालों से इसी धर्म पर चलते हुए तथा उद्देश्य एवं मिट्टी से ईमानदारी रखते हुए लोककल्याण व ग्राहकों को सेवा प्रदान करने का कार्य कर रहे हैं. अपने कार्यों से हीरो बन चुके राजेंद्र पवार का जीवनचरित्र समाज के लिए प्रेरणादायी है.' यह विचार वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. श्रीपाल सबनीस ने ग्रीन वर्ल्ड प्रकाशन एवं ज्ञान फाउंडेशन द्वारा पुणे श्रमिक पत्रकार संघ के हॉल में सोमवार को आयोजित गौतक कोतवाल लिखित ‌‘राजेंद्र पवार- एक प्रकाशझोत' नामक पुस्तक के विमोचन समारोह में बोल रहे थे.
 
इस पुस्तक का विमोचन श्रीपाल सबनीस के हाथों किया गया. यहां पुणे परिमंडल के चीफ इंजीनियर राजेंद्र पवार, पंकज गावडे महाराज, महाराष्ट्र आर्थिक महामंडल के उपाध्यक्ष सचिन इटकर, गौतम कोतवाल, मनोहर कोलते एवं डॉ. विट्ठल सोनवणे उपस्थित थे. इस अवसर पर ज्ञान फाउंडेशन की ओर से राजेंद्र पवार को ग्राहकसेवा पुरस्कार प्रदान किया गया. मनोहर कोलते लिखित मनोहारी विचार भाग 2 व डॉ. सोनवणे लिखित वसंत वर्षा त्रैमासिक का विमोचन भी किया गया. डॉ. श्रीपाल सबनीस ने कहा- ‌‘बिजली की व्यवस्था से वंचित जव्हार तहसील में प्राइमरी की शिक्षा लेने वाले राजेंद्र पवार ने दसवीं कक्षा में पहली बार बिजली का बल्ब देखा था. इस बल्ब के प्रकाश से आकर्षित होकर वे विद्युत क्षेत्र में आए. उसके बाद उन्होंने दुर्गम एवं अतिदुर्गम ग्रामीण भागों, पहाड़ी व घाटी जैसे क्षेत्रों में लाखों लोगों के घरों तक बिजली कनेक्शन के माध्यम से प्रकाश पहुंचाया.
 
उन्होंने प्रकाश के जैसा ही सफेद रंग अपने चरित्र के लिए भी चुना. यह प्रतिकूल स्थिति में दृढ़ निश्चय के साथ इच्छाशक्ति को जागृत करने वाली पुस्तक है.' राजेंद्र पवार ने कहा कि दसवीं कक्षा में पहली बार देखे एक बल्ब का प्रकाश मुझे हजारों घरों को प्रकाशित करने की ऊ र्जा दे गया. मैं किसी भी पद पर रहूं, मगर अपने सहकर्मियों से कभी अलग नहीं हूं. इसके चलते जनमित्रों एवं इंजीनियर्स से मुझे हमेशा सहयोग मिला. उनकी सहायता से ही मैं चक्रवात एवं बाढ़ जैसी स्थितियों में नष्ट हो हुई बिजली व्यवस्था को पुन: जोड़ सका. नासिक व पुणे जिलों की घाटियों जैसी जगहों पर भी बिजली की व्यवस्था बनाकर वहां स्थित घरों में बिजली के कनेक्शन जोड़े जा सके. जहां भी अंधेरा हो, उस जगह को प्रकाशमान करने हेतु मैंने जिद के साथ प्रयास किए. मैं भविष्य में भी महावितरण के माध्यम से कार्यरत रहूंगा.
 
लेखक गौतम कोतवाल ने कहा कि विपरीत स्थितियों में संघर्षरत रहते हुए सामाजिक बंधुत्व की भावना का जतन करने वाले राजेंद्र पवार का जीवनचरित्र समाज के लिए प्रेरक है. कार्यक्रम में प्रास्ताविक भाषण ज्ञान फाउंडेशन के अध्यक्ष मनोहर कोलते ने दिया. सूत्र संचालन भागवत थेटे ने किया. कार्यक्रम में उज्ज्वला पवार, रिटायर्ड तकनीकी संचालक भैयासाहब देशमुख, रिटायर्ड चीफ इंजीनियर रामराव मुंडे, वामनराव जगताप, प्रल्हाद सालुंखे, पं. वसंत गाडगिल, विजय कोलते, महेंद्र दिवाकर, सुनील जगताप, युवराज जरग, अरविंद बुलबुले, संजीव नेहते, अमित कुलकर्णी आदि उपस्थित थे.