पुणे के ट्रैफिक जाम हेतु कांग्रेस जिम्मेदार ः धीरज घाटे

24 Jun 2024 10:26:08
 
 
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पुणे, 23 जून (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
भाजपा के शहर अध्यक्ष धीरज घाटे ने मौजूदा ट्रैफिक जाम की आलोचना की है क्योंकि पुणेवासी कांग्रेस नेतृत्व की दूरदर्शिता और इच्छाशक्ति की कमी, अनियोजित प्रशासन और राजनीतिक उदासीनता के कारण पीड़ित हैं. शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या पैदा होने पर कांग्रेस ने कल घोड़े पर सवार होकर विरोध प्रदर्शन किया था. इसके बाद शहराध्यक्ष धीरज घाटे ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर इसकी निंंदा की. घाटे ने कहा कि शहर में यातायात की भीड़ को नियंत्रण में लाने के लिए 1987 की विकास योजना में एचसीएमटीआर परियोजना प्रस्तावित की गई थी.
 
यह शहर और उसके उपनगरों को 38 किमी लंबे मार्ग से जोड़ने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना थी. लेकिन कांग्रेस शासनकाल में वे इस प्रोजेक्ट को साधारण मंजूरी भी नहीं दे सके. यातायात की स्थिति बिगड़ने का यह एक मुख्य कारण है. गठबंधन सरकार ने हाल ही में इस परियोजना को मंजूरी दी है. तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री नितिन गड़करी ने प्रस्ताव दिया कि राज्य सरकार को पुणे नगरपालिका क्षेत्र में सभी फ्लाईओवरों के निर्माण की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. उस समय पुणे मनपा में कांग्रेस सत्ता में थी. कांग्रेस ने इस प्रस्ताव को इस डर से खारिज कर दिया कि अगर फ्लाईओवर बना तो इसका श्रेय बीजेपी को जाएगा. कांग्रेस राज में जो फ्लाईओवर बना था, वह जीरो प्लानिंग था. इसीलिए विद्यापीठ चौक पर बने फ्लाईओवर को तोड़ना पड़ा. इसके चलते शहर को ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है.
 
मेट्रो सेवा शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने वाला पुणे मनपा देश की पहली मनपा थी. इस प्रस्ताव को वर्ष 2005 में मंजूरी दी गई थी. लेकिन अगले दस वर्षों में अन्य महानगरों में तो मेट्रो शुरू हो गई लेकिन कांग्रेस के उदासीन नेतृत्व के कारण पुणे में यह शुरू नहीं हो सकी. सार्वजनिक परिवहन के लिए बेहद महत्वपूर्ण मेट्रो परियोजना को भाजपा ने मंजूरी देकर शुरू किया था. इसका पहला चरण भी पूरा हो चुका है और दूसरे चरण का काम जोरों पर है. अगर कांग्रेस ने समय पर मेट्रो का काम शुरू करा दिया होता तो आज जो ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हुई है, वह उत्पन्न नहीं होती.
 
बीआरटी खामियों के कारण फेल हुआ
 
कांग्रेस ने चुनावों को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक परिवहन को सक्षम करने के उद्देश्य से कात्रज से स्वारगेट तक पायलट आधार पर बीआरटी लांच किया. लेकिन जल्दबाजी वाले इस प्रोजेक्ट में कई खामियां रह गईं. परिणामस्वरूप बीआरटी परियोजना विफल हो गई. यह ट्रैफिक जाम का एक प्रमुख कारण है. 2012 से 2017 तक कांग्रेस शासन के दौरान सार्वजनिक परिवहन को सक्षम करने के लिए मनपा में एक भी नई बस नहीं खरीदी गई. सन 2017 से 22 की अवधि के दौरान भारतीय जनता पार्टी द्वारा 1000 से अधिक इको-फ्रेंडली बसें खरीदी गईं. भाजपा ने सदैव सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को प्राथमिकता दी है, इसलिए घाटे ने कांग्रेस के कल के आंदोलन को स्टंट बताकर आलोचना की है. घाटे ने मांग की है कि कांग्रेस पार्टी को इसके लिए पुणे की जनता से माफी मांगनी चाहिए.
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