शहर में रेड जोन के सीमा निर्धारण का काम पूरा

15 दिनों में उपलब्ध होगा अंतिम नक्शा, प्रॉपट की मिलेगी सटीक जानकारी

    15-Jul-2024
Total Views |

seema 
 
पिंपरी, 14 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
पिंपरी-चिंचवड़ शहर में रेड जोन के सीमा निर्धारण का काम सरकार के भूमि रिकॉर्ड विभाग ने सैटेलाइट इमेज के माध्यम से पूरा कर लिया है. इस कार्य को त्रुटिहीन बनाने के लिए अंतिम मानचित्र बनाने का काम जारी है. रेड जोन की सटीक और स्पष्ट सीमाओं वाला आधिकारिक मानचित्र अगले 15 दिनों में उपलब्ध होगा, जिसके बाद शहर में रेडजोन प्रभावित संपत्तियों की सटीक जानकारी उपलब्ध हो सकेगी. शहर में तलवड़े, निगड़ी, त्रिवेणीनगर, रूपीनगर, यमुनानगर, रावेत, किवले, चिखली, दिघी, भोसरी, वड़मुखवाड़ी, चर्होली, डुडुलगांव और बोपखेल आदि रेड जोन से प्रभावित हैं. इसके अलावा, सांगवी, पिंपले गुरव, पिंपले निलख, पिंपरीगांव, पिंपले सौदागर, कासारवाड़ी, दापोड़ी, फुगेवाड़ी में कुछ सैन्य प्रतिष्ठान हैं.
 
देहुरोड ऑर्डिनेंस फैक्ट्री डिपो और दिघी मैगजीन डिपो को रेड जोन क्षेत्र घोषित किया गया है. इसकी सीमा में कोई भी निर्माण प्रतिबंधित होने के कारण जमीन मालिक निर्माण नहीं कर सकते. इस वजह से हजारों अनधिकृत निर्माण सामने आए हैं. देहुरोड ऑर्डिनेंस फैक्ट्री डिपो की बाहरी चारदीवारी से 2 हजार गज (1.82 किमी) की दूरी तक का इलाका रेड जोन की सीमा में आता है. इसी प्रकार, दिघी मैगजीन डिपो से 1 हजार 145 मीटर की दूरी तक का क्षेत्र रेड जोन की सीमा में आता है. इन क्षेत्रों में कोई भी निर्माण करने पर रोक है, इससे शहर के लाखों परिवार प्रभावित बताये गए हैं. रेड जोन की सीमा स्पष्ट नहीं होने के कारण स्थानीय नागरिकों के साथ ही शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की ओर से भी इसकी सीमाओं के स्पष्ट पुनर्निर्धारण की मांग की जा रही थी.
 
आखिरकार इसके लिए रक्षा विभाग का अनुमोदन मिलने के बाद मनपा ने भू-अभिलेख विभाग को कुल 1 करोड़ 13 लाख 67 हजार 300 रुपये शुल्क का भुगतान किया. भू-अभिलेख विभाग ने मई महीने में सैटेलाइट इमेज के जरिए इस काम को शुरू किया था. इसके तहत देहुरोड और दिघी डिपो की बाहरी चारदीवार से लेकर तय सीमा तक गणना की गई. इस गणना में सभी संपत्तियां, भवन, खुली जगहें, सड़कें, पेड़ और अन्य संसाधनों को शामिल किया गया. रेड जोन की सीमाओं का निर्धारण सैटेलाइट इमेज के माध्यम से किये जाने के कारण अब नागरिकों को सटीक मानचित्र उपलब्ध हो सकेगा.
 
राज्य सरकार के भू-अभिलेख विभाग को सीमाएं दिखायी गईं. इसके अनुसार रेड जोन सीमा की गणना पूरी कर ली गई है. रेडजोन का सटीक मानचित्रण करने का काम जारी है. उसके बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि शहर के रेडजोन में कितनी संपत्ति है. हम अगले 15 दिनों में अंतिम नक्शा नागरिकों को उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं.
                                                                                                   - प्रसाद गायकवाड़, उपसंचालक, शहरी नियोजन विभाग