जीवन का लक्ष्य ऊंचा हो तो सफलता मिलती है : नारायण मूर्ति

22 Jul 2024 10:44:30
 
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पुणे, 21 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
 देश के विकास के लिए चुनौतियों का सामना करने की तैयारी चाहिए. किसी भी समस्या के समाधान के लिए इनोवेशन, शोध और तंत्रज्ञान विकास पर अपना लक्ष्य केंद्रित होना चाहिए. यह केवल उच्च शिक्षा के माध्यम से ही हासिल किया जा सकता है. इसके लिए विद्यार्थियों को अभी से स्वतंत्र रूप से सोचना- सिखाया जाना चाहिए. तभी हम भविष्य में देश की जीडीपी को और बढ़ा सकते हैं. निरंतरता, दृढ़ता और जिद्‌‍ से देश विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से प्रगति कर सकता है. जब जीवन का लक्ष्य ऊंचा हो तो ही सफलता मिलती है. यह विचार इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने व्यक्त किए. त्रिदल पुणे और पुण्यभूषण फाउंडेशन द्वारा आयोजित 36वें पुण्यभूषण पुरस्कार कार्यक्रम के अवसर पर वे बोल रहे थे| वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.रघुनाथ माशेलकर, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.विजय भटकर, सिम्बायोसिस के संस्थापक डॉ. शां.ब.मुजुमदार, सकाळ उद्योग समूह के प्रतापराव पवार, केंद्रीय सहकार एवं नागरी उड्डयन राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल, शिक्षण प्रसारक मंडली के उपाध्यक्ष गजेंद्र पवार, डॉ.सतीश देसाई मंच पर उपस्थित थे. वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विजय भटकर को नारायण मूर्ति ने पुण्यभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया. साथ ही इस अवसर पर जवान वीर बहादुर थापा, सोवेर प्रेमकुमार आले, अभिजीत पाटिल, तपसकुमार रॉय और दिवंगत कुणाल बारपट्टे की मां विद्या बारपट्टे को भी सम्मानित किया गया. डॉ. विजय भटकर ने कहा, क्या हम सुपर कम्प्यूटर विकसित कर सकते हैं? यह सवाल मुझे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पूछा था. मुझे आत्मविश्वास था हम जरूर सुपर कम्प्यूटर बना सकते हैं. मैंने उन्हें बताया कि हम निश्चित रूप से सुपर कम्प्यूटर विकसित कर सकते हैं, और हमने सुपर कम्प्यूटर विकसित किया. उसके बाद सीडैक की बनाया गया. मेरे शोध के दौरान मुझे अच्छे गुरु और सहकर्मी भी मिले. इसीलिए देश डिजिटल इनोवेशन की ओर बढ़ने लगा. डॉ. रघुनाथ माशेलकर ने कहा कि वरिष्ठ वैज्ञानिक विजय भटकर के नेतृत्व में भारत ने सुपर कम्प्यूटर विकसित किया. उस समय अमेरिका के वाशिंगटन पोस्ट अखबार में एंग्री इंडिया डज इट इस शीर्षक से भारत के सुपर कम्प्यूटर की खबर छपी थी. डॉ. भटकर का योगदान इसमें बहुमूल्य है. आज की दुनिया में टेक्नोलॉजी बहुत महत्वपूर्ण है. मुरलीधर मोहोल ने कहा कि अब तक विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों को पुण्यभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. यह पुणेकर नागरिकों के लिए गर्व की बात है. टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में डॉ. विजय भटकर का कार्य उल्लेखनीय है. कार्यक्रम का प्रास्ताविक डॉ. सतीश देसाई ने किया. संचालन मिलिंद कुलकर्णी ने और सुरेश धर्मावत ने आभार व्यक्त किया.
 
उच्च शिक्षा से ही नये शोध एवं तकनीकी विकास होंगे
 
 
नारायण मूर्ति ने कहा कि देश में बदलाव लाने की ताकत उच्चशिक्षा क्षेत्र में है. मैं बदलाव ला सकता हूं, किसी भी चुनौती का सामना कर सकता हूं. यह आत्मविश्वास केवल उच्च शिक्षा से ही प्राप्त हो सकता है. इसलिए, व्यक्ति को अपनी क्षमता विकसित करनी चाहिए. अपनी क्षमताओं को विकसित करके ही समस्याओं का समाधान किया जा सकता है. प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा के विद्यार्थियों को अभी से ही स्वतंत्र रूप से सोचना सिखाया जाना चाहिए. तभी उनमें समस्या का समाधान और कौशल विकसित होगा. देश की जीडीपी भी बढ़ेगी. साथ ही अपनी क्षमता को भी लगातार जांचते रहना चाहिए. भावी पीढ़ी को स्वच्छ जल, क्लाइमेंट चेंज, बेहतर स्वास्थ्य सेवा, यातायात प्रबंधन जैसे विभिन्न मुद्दों का समाधान खोजने के बारे में सोचना सिखाया जाना चाहिए.
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