पुणे, 28 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
पूर्व मंत्री विजय शिवतारे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से फुरसुंगी, उरुली देवाची, वड़की, सासवड़ और जेजुरी गांवों के लिए नवी मुंबई की तर्ज पर ‘नवी पुणे मनपा’ के नाम से एक अलग मनपा बनाने की मांग की है. उन्होंने यह भी मांग की कि भारी ट्रैफिक जाम के कारण हिंजवड़ी की कंपनियां बाहर जा रही हैं और इसलिए विकल्प के रूप में पुरंदर में आईटी पार्क स्थापित किया जाए. राज्य सरकार ने वर्ष 2017 में उरुली देवाची व फुरसुंगी समेत 11 गांवों को मनपा में शामिल किया था. इसके बाद 2021 में बाकी 23 गांवों को मनपा में शामिल किया गया. इसके परिणामस्वरूप पुणे मनपा क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ी मनपा बन गयी. प्रशासनिक दृष्टि से मनपा को विभाजित कर हड़पसर, वाघोली व अन्य गांवों को शामिल कर पूव भाग के लिए अलग मनपा बनाने की मांग की गई थी. राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद शिंदे-फडणवीस सरकार सत्ता में आई.
उसके बाद, राज्य सरकार ने मनपा में शामिल किए गए नए 2 गांवों उरुली देवाची और फुरसुंगी को बाहर करने और इन दोनों गांवों के लिए अलग नगर परिषद् बनाने के निर्णय की घोषणा की. इस फैसले को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है. ऐसे में विजय शिवतारे ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि फुरसुंगी, उरुली देवाची, वड़की, सासवड़ और जेजुरी गांवों को नवी मुंबई की तर्ज पर ‘नवी पुणे मनपा’ नाम से एक अलग मनपा बनाई जानी चाहिए. शामिल गांवों के प्रॉपट टैक्स, टी.पी. स्कीम, पानी सप्लाई व अन्य मसलों को लेकर बुधवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में बैठक हुई.
इसी बैठक में शिवतारे ने यह मांग की. इस अवसर पर राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव, मनपा आयुक्त, मनपा के विभिन्न अधिकारी और कुछ गांवों के नागरिक उपस्थित थे. बैठक के बारे में जानकारी देते हुए शिवतारे ने बताया, लोकसभा चुनाव से हटते समय मैंने पुरंदर के कई मुद्दों को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों से शब्द (वचन) लिया. इसी के तहत् इन मसलों को लेकर मुंबई में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक हुई. इस बैठक में मांग की गई है कि नवी मुंबई व पिंपरी-चिंचवड़ मनपा की तरह नवी पुणे मनपा बनाई जानी चाहिए. इसमें समय लगने वाला है. इससे पहले मांग की जा चुकी है कि दो गांवों (उरुली देवाची और फुरसुंगी) की नगर परिषद् के लिए अध्यादेश जारी किया जाए.
मनपा में शामिल नये गांवों के विषयों पर भी हुई चर्चा
इसके अलावा हिंजवड़ी की कंपनियां बाहर जा रही हैं. इसलिए, मैंने इन कंपनियों को विकल्प प्रदान करने के लिए सासवड़ में वन विभाग की 1400 एकड़ जमीन पर एक नया आईटी पार्क स्थापित करने की मांग की है. शिवतारे ने बताया कि इस बैठक में गुंजवणी बांध, शामिल गांवों के टैक्स, जांभुलवाड़ी तालाब जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई.