चत्ुा:श्रृंगी, 2 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
ढोल-ताशों की ताल, सिर पर त्ुालसी वृंदावन तथा मुंह से हरिनाम की जयजयकार करत्ो हुए सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी की जलसंवर्धन दिंडी ने सोमवार को पंढरपुर के लिए प्रस्थान किया. इससे पहले यूनिवर्सिटी के ज्ञानेश्वर हॉल में आयोजित कार्यक्रम में कुलगुरु डॉ. सुरेश गोसावी के हाथों दिंडी का उद्घाटन किया गया. यहां प्रभारी कुलगुरु डॉ. पराग कालकर, प्रभारी कुलसचिव डॉ. विजय खरे, फाइनेंस एवं एकाउंट्स ऑफिसर सीएमए चारुशिला गायके, मैनेजमेंट काउंसिल के सदस्य रवींद्र शिंगणापुरकर, बागेश्री मंठालकर, सीनेट सदस्य प्रसेनजीत फडणवीस, प्राचार्य नितिन घोरपड़े, भाषा व साहित्य प्रशाला के संचालक डॉ. प्रभाकर देसाई, एनएसएस के संचालक डॉ. सदानंद भोसले, स्टूडेंट्स वेल्फेयर बोर्ड के संचालक डॉ. अभिजीत कुलकर्णी एवं स्टूडेंट्स उपस्थित थे. उपस्थित लोगों को संबोधित करत्ो हुए डॉ. सुरेश गोसावी ने कहा- ‘आज के वैज्ञानिक युग में मानवीय मूल्यों का पतन हो रहा है. इस वारी के माध्यम से हमें एक बार फिर मानवीय मूल्यों को सीखने व आत्मसात करने का अवसर मिल रहा है. वारी में इतनी बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होत्ो हैं, मगर उनके बीच किसी तरह की स्पर्धा नहीं होती, क्योंकि वे निर्मल मन से यहां एकत्रित होत्ो हैं. हमें भी इसी तरह निर्मल होना चाहिए.’ इस अवसर पर गुलगुरु एवं उपस्थित अन्य मान्यवर मेन बिल्डिंग से मुख्य प्रवेश द्वार तक दिंडी में शामिल हुए. उन्होंने ढोल-ताशे की ताल भी पकड़ी.
आयोजन का 20वां वर्ष
यूनिवर्सिटी, एनएसएस एवं राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में प्रतिवर्ष ‘स्वच्छ वारी-निर्मल वारी-हरित वारी’ कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत आषाढ़ी वारी के साथ पुणे से पंढरपुर तक रासेयो द्वारा विभिन्न सामाजिक विषयों पर आधारित दिंडी निकाली जाती है. यह इस आयोजन का 20वां वर्ष है. इस साल महाराष्ट्र की विभिन्न यूनिवर्सिटीज के 160 स्वयंसेवक इस दिंडी में शामिल हुए हैं. ये सभी जल संवर्धन, पर्यावरण संवर्धन, लोकतंत्र सशक्तिकरण आदि विभिन्न सामाजिक विषयों पर पथनाट्य एवं भारुड़ आदि माध्यमों से वारकरियों में जनजागरण कर रहे हैं.