संजय उमराणीकर जीवन-गौरव पुरस्कार से सम्मानित

भारतीय कला प्रसारिणी सभा द्वारा उल्लेखनीय योगदान हेतु पुरस्कृत

    12-Aug-2024
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पुणे, 11 अगस्त (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
हमारे देश के ऐतिहासिक और आधुनिक शहरों के निर्माण, शहरों की पहचान बनाने में देश के वास्तुकारों का योगदान बहुमूल्य है. पुणे में अभिनव कला महाविद्यालय आधुनिक विश्वकर्मा बनाने के लिए काम कर रहा है. पुणे मनपा उपायुक्त माधव जगताप ने कहा कि, पुणे शहर एक सांस्कृतिक राजधानी है, यहां पर्यटन और उत्कृष्ट कलाकृतियां देखने लायक हैं. हाल ही में शहर के सभी प्रवेश द्वार ख़राब हो गए हैं, इन्हें सुधारने का कार्य आर्किटेक्ट के विद्यार्थियों को करना है. पुणे श्रमिक पत्रकार भवन में भारतीय कला प्रसारिणी सभा वास्तुविद्या, जीवन गौरव पुरस्कार वितरण समारोह और चित्रांगण आर्ट बुक का विमोचन सचिव पुष्कराज पाठक और उपायुक्त माधव जगताप द्वारा किया गया.
 
इस दौरान आर्किटेक्ट के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए वरिष्ठ वास्तुकार (आर्किटेक्ट) संजय उमराणीकर को प्रदान किया गया. इस अवसर पर भारतीय कला प्रसारिणी सभा, पुणे के सचिव पुष्कराज भालचंद्र पाठक, प्राचार्य डॉ. अभिजीत नातू (वास्तुकला विद्यालय) और प्राचार्य राहुल बलवंत (अभिनव कला महाविद्यालय, तिलक रोड), प्राचार्य डॉ. संजय भारती (कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स पाषाण), कांतिलाल ठाणगे और अरविंद पाठक (आर्किटेक्ट्स) आदि गणमान्य उपस्थित थे.
 
 
आर्किटेक्ट लोगों के सपनों को साकार करते हैं
 
माधव जगताप ने कहा, शहरों का सौंदर्यीकरण का मतलब सिर्फ कमानी (मेहराबें) खड़ा करना नहीं है, इस बात को ध्यान में रखकर काम करना जरूरी है. चाहे हम घर पर हों या दफ्तर में, जगह हमें शांति देती है, यह कहना गलत नहीं होगा कि वास्तुकला एक कला है जो मनुष्य को सकारात्मकता प्रदान करती है. पुष्कराज भालचंद्र पाठक ने कहा, आर्किटेक्ट लोगों के सपनों को साकार करने का काम करते हैं. समाज में कई पुरस्कार दिए जाते हैं, लेकिन मुझे एहसास हुआ कि वास्तुकारों को उनके काम को पुरस्कार अथवा मान्यता नहीं दी जाती है, इसलिए हमने इस लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार को शुरू करने का फैसला किया. उमराणीकर का काम भारतीय वास्तुकला में महत्वपूर्ण है, यही कारण है कि वह पहला नाम था जो प्रथम पुरस्कार के लिए हमारे ध्यान में आया.