पुणे, 26 अगस्त (आ.प्र.)
राज्य के सभी स्कूलों में छात्र और छात्राओं के लिए सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू किया जाएगा और इसके लिए राज्य स्तरीय छात्र सुरक्षा समीक्षा समिति का गठन किया गया है. छात्र सुरक्षा समीक्षा समिति में 7 सदस्य हैं और राज्य शिक्षा आयुक्त सूरज मांढरे समिति के अध्यक्ष होंगे. जबकि प्राथमिक शिक्षा परिषद के परियोजना निदेशक, राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक, प्राथमिक और माध्यमिक विभाग के निदेशक, आयुक्त और संयुक्त निदेशक द्वारा चयनित दो महिला सदस्य शिक्षा आयुक्त कार्यालय के सदस्य सचिव होंगे. हाल के दिनों में राज्य में स्कूली छात्रों की सुरक्षा को लेकर कुछ अप्रिय घटनाएं हुई हैं. ऐसे में उनकी सुरक्षा का मुद्दा सामने आ गया है. इस मामले में शासन स्तर पर गंभीरता से मामला उठाया गया है. स्कूली छात्रों, खासकर लड़कियों की सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से समय-समय पर आदेश जारी किये जाते रहे हैं.
मौजूदा उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन के साथ-साथ कुछ नए उपाय लागू करने का प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन था. तदनुसार, राज्य स्तरीय छात्र सुरक्षा समीक्षा समिति का गठन किया गया है. सीसीटीवी अनिवार्य, पालन नहीं करने पर मान्यता रद्द. इसके मुताबिक स्कूलों और इलाके में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. इसका अनुपालन नहीं करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की जायेगी. समय-समय पर स्कूलों का अनुदान या मान्यता निलंबित की जायेगी. यदि सीसीटीवी फुटेज में कुछ भी अनुचित पाया जाता है, तो यह प्रिंसिपल की जिम्मेदारी होगी कि वह तुरंत पुलिस से संपर्क करें. गैर-शिक्षण कर्मचारियों, सुरक्षा गार्डों, सफाईकर्मियों, सहायकों, स्कूल बस चालकों को काम पर रखने से पहले पृष्ठभूमि की सख्त जांच होनी चाहिए. पुलिस से चरित्र सत्यापन रिपोर्ट भी प्राप्त करें. इसके साथ ही स्कूल में शिकायत दर्ज कराना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके लिए प्राचार्य व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे.
घटना दबाने पर सजा मिलेगी
स्कूल में कोई भी अप्रिय घटना होने पर 24 घंटे के भीतर शिक्षा अधिकारियों को सूचित करना अनिवार्य कर दिया गया है. यदि घटना को छुपाने के किसी भी प्रयास का संकेत मिलता है, तो संबंधित व्यक्ति, संस्था कड़ी सजा के लिए उत्तरदायी होगी. छात्र सुरक्षा समीक्षा समिति हर 3 महीने में सुरक्षा उपायों की समीक्षा करेगी.