नदी तट सुधार परियोजना को रद्द करें अन्यथा तीव्र आंदोलन

शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पाट ने मनपा आयुक्त को दिया ज्ञापन

    07-Aug-2024
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शिवाजीनगर, 6 अगस्त (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
शहर में मुला-मुठा नदी पर की जा रही नदी तट सुधार परियोजना को रद्द किया जाये, अन्यथा शिवसेना स्टाइल में जोरदार आंदोलन किया जाएगा. यह चेतावनी देते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पाट द्वारा मनपा आयुक्त डॉ. राजेंद्र भोसले को ज्ञापन भी दिया गया. इस अवसर पर पुणे शहर प्रमुख संजय मोरे, गजानन थरकुड़े, पूर्व विधायक चंद्रकांत मोकाटे, पूर्व नगरसेवक वसंत मोरे, विशाल धनवड़े, संजय भोसले, योगेश मोकाटे, जानू आखाड़े, उपनगर प्रमुख भरत कुंभारकर, मकरंद पेठकर, संतोष गोपाल, प्रथमेश भूकन, अनिल परदेशी, राहुल जेटके, अजय परदेशी, युवराज पारीख, राजू चव्हाण, हरिश्चंद्र सकपाल, जावेद खान, विनोद वांजले उपस्थित थे.
 
शहर में मुला-मुठा नदी तट सुधार परियोजना के तहत चल रहे काम के कारण नदी का तल संकरा हो गया है. इस साल बरसात के मौसम में खड़कवासला बांध से पानी छोड़े जाने के कारण मुला-मुठा नदी के किनारे रहने वाले पुणे के लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. खासकर निंबुज नगर, एकतानगर, पुलाची वाड़ी और पाटिल एस्टेट झोपड़पट्टियों के नागरिकों की जान पर बन आई. कुछ निर्दोष पुणेवासियों की भी जान चली गयी. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पाट के युवा नेता और पूर्व पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने निरीक्षण किया और नागरिकों से बातचीत की. पर्यावरण विशेषज्ञों की मदद से आदित्य ठाकरे ने पुणे के लोगों के सामने एक प्रेजेंटेशन भी दिया कि कैसे मुला-मुठा नदी तट सुधार परियोजना त्रुटिपूर्ण है.
 
उसके बाद शिवसेना पाट प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पुणे शहर आकर प्रभावित इलाकों की जानकारी ली और संबंधित बाढ़ और दोषपूर्ण नदी तट सुधार परियोजना के बारे में जानकारी ली. शहर शिवसेना ने आरोप लगाया है कि मुला-मुठा नदी तट सुधार परियोजना और बाढ़ के संबंध में इन दोनों नेताओं द्वारा की गई शिकायतों और सुझावों के संबंध में पुणे मनपा द्वारा उठाए गए उपायों के बारे में हमें स्पष्टता नहीं मिली है. यदि यह परियोजना पुणे के नागरिकों को नुकसान पहुंचाने और मारने वाली है, तो ऐसी परियोजना लागू करना पुणे शहर के लिए खतरनाक है. इसे रद्द करने की मांग की गई. इसके बाद मनपा आयुक्त डॉ. राजेंद्र भोसले ने कहा कि नदी किनारे लगे बैरिकेड को हटाएंगे. साथ ही आयुक्त भोसले ने शिवसेना प्रतिनिधिमंडल को ओशासन दिया कि वे इस बारे में विचार करेंगे कि क्या लगातार दो या तीन बार बाढ़ से प्रभावित नागरिकों को अस्थायी घर दिए जा सकते हैं.