वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक रद्द किया जाए

ऑल इंडिया औकाफ ट्रस्टी एसोसिएशन की राष्ट्रीय परिषद में उठी मांग

    10-Sep-2024
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पुणे, 9 सितंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक के जरिए वक्फ बोर्ड की संपत्ति हड़पने की साजिश रच रही है. इसलिए, वक्फ बोर्ड के संशोधन विधेयक को रद्द किया जाए, ऐसी मांग ऑल इंडिया औकाफ ट्रस्टी एसोसिएशन, महाराष्ट्र राज्य द्वारा आयेजित राष्ट्रीय परिषद में की गई. ऑल इंडिया औकाफ ट्रस्टीज एसोसिएशन, महाराष्ट्र राज्य की ओर से रविवार (8 अगस्त ) शाम 6 बजे पुणे के आजम कैंपस में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर राष्ट्रीय परिषद का आयोजन किया गया. इस अवसर पर ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव हजरत मौलाना फजलुर-रहीम मुजद्दिदी, पूर्व न्यायाधीश बी.जी. कोलसे पाटिल, एड. महमूद प्राचा, मो. खालिद खान, संयुक्त सचिव राज्यसभा, मौलाना निजामुद्दीन फखरुद्दीन, मौलाना रजीन अशर्फी, सुफियान पठान, महबूब सैयद, मुनीसा बुशरा आबेदी, नजीर भाई तांबोली, एम.एम. सैयद, डॉ. राही काजी, अयूब इलाही बख्श, डॉ. अनवर हुसैन, डॉ. अजीमुद्दीन, विट्ठल पवारराजे, राजेंद्र गायकवाड़ आदि ने मार्गदर्शन किया.
 
मुसलमानों द्वारा दान की गई संपत्ति और मालमत्ता का व्यवस्थापन करने का काम ट्रस्टी और संबंधित राज्यों के वक्फ बोर्ड करते हैं. बोर्ड का कामकाज संसद द्वारा पारित वक्फ अधिनियम 1995 के प्रावधानों के अनुसार चलता है वक्फ बोर्ड संसद द्वारा पारित वक्फ अधिनियम 1995 के प्रावधानों के अनुसार कार्य करता है. केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक के जरिये मुस्लिम अधिकार वक्फ बोर्ड की संपत्ति हड़पने की साजिश कर रही है. इसलिए राष्ट्रीय परिषद में विशेषज्ञों ने राय व्यक्त की कि वक्फ संशोधन विधेयक रद्द कर दिया जाए. मो. खालिद खान ने कहा कि वक्फ बोर्ड की जमीन पर कई जगहों पर अतिक्रमण हो गया है. कई जमीनें इनाम में दी गई हैं, कुछ जगहों पर खेती की जाती है इसके अलावा कई मामले लंबित हैं.
 
नया बिल नए संशोधनों से वक्फ बोर्ड को कमजोर करेगा. बी.जी. कोलसे पाटिल ने कहा कि केंद्र सरकार दलित, आदिवासी और मुस्लिम विरोधी नीतियां लागू कर रही है. वक्फ बिल इसी का हिस्सा है. बीजेपी इस बात का फायदा उठा रही है कि कुछ मुसलमान भी सक्षम वक्फ बोर्ड नहीं चाहते हैं. वक्फ बोर्ड सक्षम और स्वतंत्र होना चाहिए. कार्यक्रम का आयोजन अध्यक्ष सुफियान पठान, महासचिव महेबूब सैयद, वजीर मुलानी-सातारा, हाफिज सद्दाम-सांगली, जे.के. मिस्त्री-सोलापुर, मुफ्ती जलाल मोमिन-पुणे, मुबारक शेख, शेख जफर-बीड, जलील शेख-पिंपरी चिंचवड़, अल्ताफ सैयद, साबिर सैयद, रफीक सैयद, साबिर शेख-तोपखाना, जमीर मोमिन, सुलेमान सैयद ने किया.
 
बिल रद्द नहीं किया तो देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी
एड. मेहमूद प्राचा ने कहा कि हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि वक्फ बोर्ड के कुछ जगहों पर गलत काम हुआ है. हम भ्रष्ट लोगों को हटाने के लिए सरकार की मदद लेते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सरकार ने पूरा कामकाज अपने हाथ में लें. हालांकि बोर्ड को सक्षम बनाने के लिए कुछ बदलाव की जरूरत है, लेकिन सरकार को इस बारे में मुस्लिम समुदाय से सुझाव लेना चाहिए. वैसे तो हमारा देश एक धर्मनिरपेक्ष देश है. केंद्र सरकार को वक्फ संशोधन विधेयक को रद्द करना चाहिए क्योंकि यह विधेयक भारत के संविधान का उल्लंघन है. इस दौरान चेतावनी दी गई कि अगर बिल रद्द नहीं किया गया तो मुस्लिम समुदाय देशव्यापी आंदोलन करेगा.