पुणे, 18 सितंबर (आ.प्र.)
राज्य गृह विभाग द्वारा 5 सितंबर को स्थानांतरित किए गए 5 आईपीएस अधिकारियों में से कम से कम दो अधिकारी अब असमंजस में हैं. केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट), मुंबई बेंच के 6 सितंबर के आदेश ने पुणे ग्रामीण के एसपी पंकज देशमुख के तबादले पर रोक लगा दी है. पुणे पुलिस के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी-जोन 1) संदीप सिंह गिल को पंकज देशमुख की जगह पुणे ग्रामीण पुलिस में नियुक्त किया जाना था, जबकि मुंबई पुलिस के डीसीपी तेजस्वी सतपुते को पुणे शहर में डीसीपी के रूप में गिल की जगह लेनी थी. लेकिन कैट के एसपी पंकज देशमुख के तबादले पर 19 अक्टूबर तक रोक लगाने के आदेश अनुसार गिल और सतपुते अपने वर्तमान पदों पर ही कार्यरत हैं. इन तीन अधिकारियों के अलावा, अन्य 2 आईपीएस अधिकारियों ने अपने नए पदभार ग्रहण कर लिए हैं. कैट ने 6 सितंबर के आदेश में उल्लेख किया कि 31 जनवरी 2024 के आदेश से स्पष्ट है कि आवेदक (देशमुख) को पुणे ग्रामीण पुलिस में स्थानांतरित किया गया था और केवल 7 महीनों में उन्हें बिना किसी कारण बताए मुंबई में डीसीपी के रूप में स्थानांतरित कर दिया गया है.
यह मध्यावधि स्थानांतरण है जिसके लिए कारण बताए जाने चाहिए, जैसा कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने दत्तात्रेय आर. कराले वर्सेज शेखर बी.गेनभाऊ और अन्य में 2024 में कहा था. आवेदक (देशमुख) को अगले सुनवाई की तारीख तक अपने वर्तमान पद से मुक्त नहीं किया जाएगा. मामले की अगली सुनवाई 19 अक्टूबर को होगी. इस पर देशमुख ने तर्क दिया था कि उन्हें इस साल 31 जनवरी को राज्य आपराधिक जांच विभाग से स्थानांतरित किया गया था और केवल 7 महीने में बिना किसी कारण के मुंबई स्थानांतरित किया जा रहा है, जो कि उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार अनिवार्य है. शहर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सरकार कैट के आदेशों का पालन करेगी और अगले अपडेट तक आईपीएस अधिकारियों का तबादला नहीं करेगी. देशमुख के तबादले पर कैट द्वारा आदेश सुनाए जाने के बाद सरकार नए स्थानांतरण आदेश जारी कर सकती है. अधिकारी अगले आदेश तक अपने पदों पर बने रहेंगे.