नारियल की कीमतों में आया अभूतपूर्व जबरदस्त उछाल

कुछ ही दिनों में 30 से 35 फीसदी तक की बढ़ोतरी : कम फसल और बढ़ी हुई मांग का दिख रहा नतीजा

    21-Sep-2024
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गुलटेकड़ी, 20 सितंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
पिछले कुछ दिनों में नारियल की कीमत में जबरदस्त इजाफा हुआ है. व्यापारियों का कहना है कि यह अभूतपूर्व वृद्धि है. बताया जा रहा है कि नारियल का उत्पादन कम होने और त्यौहारों व अन्य बढ़ती मांग के कारण कीमतें बढ़ रही हैं. अगले कुछ दिनों तक यही स्थिति बनी रहने से दिवाली तक नारियल के दाम कम होने की संभावना नहीं है. अब तक का अनुभव यही रहा है कि बड़े त्यौहार खत्म होने के बाद नारियल की कीमतें कम हो जाती हैं. खासतौर पर गणेशोत्सव के खत्म होने के बाद अगले 15 दिन पितृ पखवाड़ा होता है. इसलिए नारियल की कोई खास मांग नहीं रहती है.
 
लेकिन, इस वर्ष नारियल की कम फसल के कारण कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. इसके अलावा, जैसे-जैसे गोटा नारियल और तेल का बाजार बढ़ा है, इसमें भी इजाफा हुआ है. गणेशोत्सव के दौरान होलसेल बाजार में नारियल की कीमत 1,600 रुपये प्रति बोरी थी, लेकिन आज इसकी कीमत 2,200 रुपये है. गणेशोत्सव के दौरान जो मद्रास नारियल 2,200 रुपये में बिक रहा था, वो अब होलसेल बाजार में ही सीधे 2,800 रुपये प्रति बोरी के भाव पर बिक रहा है. बड़े मद्रास नारियल की कीमतें 2,800 रुपये से बढ़कर अब 3,400 रुपये से 3,500 रुपये हो गई हैं. व्यापारियों का कहना है कि इस तरह की कीमत में बढ़ोतरी पहले कभी देखी नहीं है. सीजन और मांग-आपूर्ति में अंतर के कारण दरों में अक्सर उतार-चढ़ाव होता रहता है.
 
लेकिन, वर्तमान को देखते हुए ऐसा लगता है कि बहुत ही कम दिनों में नारियल की कीमत अचानक लगभग 30-35 प्रतिशत बढ़ गई है, जो अप्रत्याशित है. कर्नाटक नारियल की जो कीमत पिछले सप्ताह तक 32-33 रुपये थी वह 40 रुपये हो गई है. खास बात है कि नारियल उत्पादक तीन राज्यों तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में कीमतों में 30 से 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है. वर्तमान में पूजा और घरेलू उपयोग के लिए लगभग 1,500 से 2,000 बोरी नारियल की बिक्री होती है. (प्रत्येक बोरी में 100 नारियल होते हैं) व्यापारियों का कहना है कि आमतौर पर बारह महीनों की तुलना में गणेशोत्सव के दौरान नारियल की बिक्री में दस गुना वृद्धि होती है. वहीं नवरात्रि से लेकर दिवाली तक नारियल की बिक्री 5 गुना तक बढ़ जाती है. बताया जा रहा है कि नारियल की नई फसल नवंबर-दिसंबर माह में आएगी. तब तक, गुणवत्ता वाले नारियल की कीमतें बढ़ सकती हैं. लेकिन, फिलहाल कीमतें मौजूदा स्तर से नीचे गिरने की संभावना बहुत कम है.
 
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कुछ लोगों का कहना है
  • अनुमान है कि कीमतें बढ़ने के कारण कुछ लोग नारियल का इस्तेमाल कम कर सकते हैं.
  • नारियल की चटनी बनाने वाले लोग खास तौर पर सोचेंगे कि वे चटनी में नारियल की मात्रा कम कर देंगे और उसकी जगह मूंगफली या फुटाना दाल मिला देंगे. क्योंकि, नारियल की इतनी बढ़ी कीमत में कारोबार करना किफायती नहीं है.
  • कुछ भक्त मंदिर जाते समय या भगवान को तोरण चढ़ाते समय नारियल की खरीदारी भी कम कर सकते हैं. जो लोग नवरात्रि में तोरण चढ़ाना चाहते हैं, वे 11 की जगह 5 नारियल का तोरण चढ़ा सकते हैं. यानी कीमतें बढ़ने पर बिक्री घट सकती है.
 
आपूर्ति के लिए फिलहाल पर्याप्त नारियल उपलब्ध नहीं
 
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वर्तमान में नारियल की फसल कम है. इसके अलावा, पूरे देश में मनाए जाने वाले त्यौहारों जैसे कि नवरात्रि, दशहरा और दिवाली के कारण नारियल की मांग काफी बढ़ जाती है. इसके चलते बाजार में नारियल की आवक कम हो रही है. वास्तविक समस्या यह है कि इतनी आपूर्ति के लिए फिलहाल पर्याप्त नारियल उपलब्ध नहीं है. पुणे के बाजार में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से नारियल आते हैं. कर्नाटक में, तेल मिलें और खोबरा गोटा के लिए मांग बढ़ी हुई है. दिवाली के दौरान नारियल की भी काफी मांग रहती है. इसके अलावा, सर्दियों के दौरान नारियल तेल की मांग बढ़ जाती है. इसलिए उन्होंने भी अभी से खरीदारी शुरू कर दी है. इन सबके परिणामस्वरूप बाजार में नारियल की आवक कम हो गई है और कीमत में भारी वृद्धि हुई है. महंगाई के कारण व्यापारियों को पूंजी बढ़ने और फंसे रहने का डर रहता है. इसके अलावा, प्रॉफिट मार्जिन भी कम होने वाला है. उधारी बढ़ने का डर भी उन्हें सता रहा है.
                                                                                                               - ज्योति कुमार अग्रवाल, नारियल व्यापारी, पुणे