फर्जी एजेंसी और पुलिस की अवैध वसूली से व्यापारी नाराज

28 Sep 2024 11:15:45
 
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पिंपरी, 27 सितंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
 
पिंपरी कैंप बाजार में पुलिस और एजेंसी द्वारा ‌‘कॉपीराइट‌’ के नाम पर धमकाकर वसूली किए जाने को लेकर व्यापारियों का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने पुलिस की इस कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन कर अपनी दुकानें बंद कर दी. व्यापारियों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस और एजेंसी के लोगों को बेरंग लौटना पड़ा. पिंपरी मर्चेंट फेडरेशन के अध्यक्ष श्रीचंद आसवानी ने पुलिस पर कॉपीराइट (ब्रांडेड कंपनियों के डुप्लीकेट सामान बेचना) का हवाला देकर वसूली करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पुलिस और संबंधित एजेंसी के लोग मिलकर व्यापारियों से जबरन वसूली करते हैं. यह घटना गुरुवार रात साढ़े सात से साढ़े आठ बजे के बीच की है. इस अवसर पर पिंपरी मर्चेंट फेडरेशन के अध्यक्षा श्रीचंद आसवानी सहित मनपा स्थायी समिति की पूर्व अध्यक्ष सीमा सावले, पूर्व नगरसेवक धन्ना आसवानी, अनिल आसवानी ने इसके लिए विशेष पहल की.
 
 
 

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उन्होंने कहा कि दिवाली के दौरान इस तरह की फर्जी छापेमारी करके व्यापारियों को कार्रवाई की धमकी देकर पैसे वसूलने की प्रथा व्यापारियों की एकता ने विफल कर दिया. आसवानी ने बताया कि त्योहार के चलते सामग्री खरीदने के लिए पिंपरी के बाजार में भीड़ लगी हुई है. इतनी भीड़ में पुलिस के साथ कॉपीराइट रेड के नाम पर चार लोग एक दुकान में घुसे और जांच पड़ताल करने लगे. उन्होंने व्यापारियों को यह कहकर धमकाना शुरू कर दिया कि उन्हें नकली सामान के बारे में जानकारी मिली है. व्यापारियों की बार-बार गुहार के बावजूद संबंधित अधिकारी जिद पर अड़े रहे. इस छापेमारी की खबर बाजार में तेजी से फैल गई और सैकड़ों व्यापारी वहां जमा हो गए और उन्होंने पुलिस को समझाने का प्रयास भी किया.
 
इस दौरान स्थायी समिति की पूर्व अध्यक्षा सीमा सावले व्यापारियों के पक्ष में मजबूती से खड़ी रहीं. इस कार्रवाई से व्यापारी आक्रोशित हो गए और 10 मिनट में सभी दुकानें कार्रवाई के विरोध में बंद हो गईं.जिससे घबराकर अधिकारी वहां से चले गए. इस कार्रवाई के दौरान श्रीचंद आसवानी, धन्ना आसवानी, अनिल आसवानी, नीरज चावला, सुनील चुगवानी, नीरज चावला, प्रकाश रत्नानी, सोनू मंगतानी, सुशील बजाज, प्रिंस निगम, रोमी संधू, सुरेश शर्मा, जॉनी थदानी, विजय वाधवा, सावल तोतानी, संजय नागदेव, किशोर पाहुजा आदि व्यापारी भी मौजूद थे.
 
 
दुकान में घुसते ही तलाशी शुरू कर दी
 
ः पीड़ित व्यापारी प्रकाश वॉच के मैनेजर दयाल लुल्ला ने बताया कि गुरुवार की शाम साढ़े सात बजे के करीब दो व्यक्ति एक फोटोग्राफर व दो पुलिसकर्मियों और महिला कांस्टेबल के साथ आए और टाइटन तथा सोनाटा कंपनियों के घड़ियों के डुप्लीकेट होने का आरोप लगाकर तलाशी शुरू कर दी. उनके साथ जो लोग आए थे वे घड़ियों की क्वालिटी और कंपनी के बारे में कुछ भी नहीं जानते थे. मेरे पास टाइटन कंपनी का सर्टिफिकेट है. कंपनी ने मेरा सम्मान भी किया है. मैं कंपनी का कोई भी डुप्लीकेट सामान नहीं बेचता हूं, फिर भी मुझे बेवजह परेशान किया जा रहा था. इसी प्रकार नटराज वॉच नामक शॉप पर भी इसी तरह की कार्रवाई की गई. क्या कहता है नियम ? कापी राइट एक्ट में कार्रवाई हेतु छापेमारी के लिए एक उचित प्रक्रिया अपनाई जाती है. इसके लिए संबंधित अधिकारियों को उस कंपनी के प्रतिनिधि को भी साथ में ले जाना पड़ता है जिसे नकली सामान बेचे जाने का शक हो. दरअसल इस छापेमारी के समय किसी भी कंपनी का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं था. इस संबंध में जब व्यापार संघ के अध्यक्ष श्रीचंद आसवानी ने जवाब मांगा तो अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया. छापेमारी के लिए निजी एजेंसियों के लोग भी थे.
 
व्यापारियों को परेशान न किया जाए
 
 
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प्राइवेट एजेंसियों के लोग कॉपीराइट के लिए थाने आते हैं. अगर सामान के नकली होने का संदेह हो तो उसे जब्त कर जांच के लिए लैब में भेज दिया जाता है. इस समय संबंधित कंपनी का एक अधिकृत प्रतिनिधि उनके साथ होना चाहिए. बिना वजह व्यापारियों को परेशान करने के उद्देश्य से की जाने वाली ऐसी छापेमारी हम कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे. श्रीचंद आसवानी ने कहा कि यह पुलिस और एजेंसी की मिलीभगत है औेर दोनों मिलकर व्यापारियों धमकाकर वसूली करते है. इस बारे में मंगलवार को पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन दिया जाएगा कि जब तक कंपनी का अधिकारी या प्रतिनिधि साथ नहीं हो तब तक एजेंसी की परमिशन नहीं दी जाए. आसवानी ने इस समय व्यापारियों ने जो एकजुटता दिखाई उसके लिए सभी का आभार व्यक्त किया.
 
- श्रीचंद आसवानी, अध्यक्ष, पिंपरी ट्रेडर्स एसोसिएशन
 
डुप्लीकेट सामान बिक्री की सूचना पर रुटीन कार्रवाई की
 
संबंधित दुकानों पर नकली वस्तुओं की बिक्री होने की जानकारी मिलने पर पिंपरी पुलिस ने संबंधित दुकानों पर जाकर जांच की. इन दुकानों पर कुछ भी डुप्लीकेट सामान नहीं मिला. यह नियमित की जाने वाली कार्रवाई है. डुप्लीकेट सामान बिक्री होने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस द्वारा इस प्रकार की कार्रवाई की जाती है. अशोक कडलग, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक, पिंपरी पुलिस स्टेशन
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