शिवाजीनगर, 6 सितंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
देश में पानी की उपलब्धता कम होती जा रही है, इसलिए सरकार की ओर से हमेशा पानी को बचाने की अपील की जाती है. साथ ही, सीवेज जल को शुद्ध करके इसे पुनः उपयोग में लाने के लिए देश के विभिन्न शहरों में एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) परियोजनाएं चलाई जा रही हैं. इन परियोजनाओं को और बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने ‘जल ही अमृत' योजना की घोषणा की है. इसके लिए केंद्र ने देश में 1300 करोड़ रुपये की निधि स्वीकृत की है और परियोजनाओं का मूल्यांकन कर उसके अनुसार आवंटन किया जाएगा. यह जानकारी मनपा के अतिरिक्त आयुक्त पृथ्वीराज बी. पी. ने दी. देश के सभी शहरी स्थानीय स्वायत्त संस्थानों की ऑनलाइन बैठक केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में आयोजित की गई.
इस बैठक में ‘अमृत 2.0' योजना के तहत सरकार ने ‘जल ही अमृत' योजना की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में सीवेज शुद्धिकरण प्रक्रिया में सुधार करना है. इस योजना के तहत वर्तमान में संचालित सीवेज शुद्धिकरण केंद्रों की कार्यक्षमता के आधार पर उन्हें स्टार रेटिंग और प्रोत्साहन अनुदान मिलेगा. इस योजना के तहत, देश के शहरी स्थानीय स्वायत्त संस्थानों को उनके शहरों में सीवेज शुद्धिकरण केंद्रों की कार्यक्षमता का मूल्यांकन करने और उसे अपलोड करने के लिए एक ऑनलाइन मॉड्यूल उपलब्ध कराया जाएगा. बेहतर कार्यक्षमता के लिए इन केंद्रों को स्टार रेटिंग दी जाएगी, और 3 स्टार या उससे अधिक रेटिंग प्राप्त करने वाले केंद्रों को प्रोत्साहन अनुदान दिया जाएगा. केंद्र सरकार की इस पहल से सीवेज शुद्धिकरण प्रक्रिया में नई तकनीक का उपयोग, कार्यक्षमता में सुधार और शुद्ध किए गए सीवेज जल का पुनः उपयोग जैसे कार्यों के लिए अनुदान प्रदान किया जाएगा. इस योजना के तहत पुणे मनपा के वर्तमान में संचालित 9 सीवेज शुद्धिकरण केंद्र भाग लेंगे.
योजना की विशेषताएं :
- पहले 70% अनुदान दिया जाएगा, और यदि इन केंद्रों ने छह महीने तक अपनी गुणवत्ता बनाए रखी, तो शेष 30% अनुदान प्रदान किया जाएगा.
- 4 स्टार और 3 स्टार श्रेणी के केंद्र अपनी कार्यक्षमता में सुधार करें तो उन्हें अगले वर्ष के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन अनुदान मिलेगा.