पुणे, 6 सितंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
शहर के कोंढ़वा पुलिस थाने में 25 फरवरी 2023 को पॉक्सो और बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोपी निजाम मोईनुद्दीन खान को गिरफ्तार किया गया था. चार दिन की पुलिस कस्टडी के बाद उक्त आरोपी को मजिस्ट्रेट कस्टडी में रखा गया था. इस मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो द्वारा आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी की पत्नी ने पति के खिलाफ बलात्कार और उसकीदो नाबालिग बेटियों ने छेड़छाड़ का मामला दर्ज करवाया था. यह घटना कोंढ़वा परिसर के अलिफ टॉवर सोसायटी में 30 जनवरी 2023 को घटी थी. विशेष न्यायालय द्वारा आरोपी की जमानत याचिका रद्द किए जाने के बाद इस मामले को फास्ट ट्रैक पर गवाहों और सबूतों के अभाव में चलाया गया. 3 जुलाई 2024 को पहले गवाह की गवाही न्यायालय के समक्ष दर्ज की गई थी. इस मामले में बचाव पक्ष को वकील राशिद सिद्दिकी ने बताया कि इस मामले में आरोपी पर आईपीसी की धारा 376, 376 (2), 377 व बाल संरक्षण कानून यानि पॉक्सो की धारा 4, 8, लगाई गई थीं.
साथ ही 323, 324 धारा भी शामिल थीं. इस मामले की पीड़िता ने अपने पति के खिलाफ जबरन मारपीट करने पर 323, 324 और फिर जबरन बेडरूम में ले जाकर हाथपैर बांधकर उसके साथ बलात्कार करने और पानी गरम करने वाले हीटर से उसके गुप्तांग को जलाने का मामला दर्ज करवाया था. यह मामला इतना गंभीर था कि इसकी जमानत हाईकोर्ट द्वारा होने के भी आसार नहीं थे. इस मामले को जब ट्रायल पर लिया गया तो इसमें सबसे खास बात यह थी कि सीआरपीसी की धारा 164 के तहत जब दो नाबालिग युवतियों ने अपना बयान दर्ज करवाया था, तब उन्होंने पिता पर मां की पिटाई करने का आरोप लगाया था परंतु उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया गया था. बचाव पक्ष ने कहा कि जब नाबालिग लड़कियों के साथ कुछ नहीं हुआ तो इस केस में पॉक्सो की धारा को हटाया जाए. धारा 376, 376 (2) और 377 के बारे में दलील दी कि फरियादी और आरोपी पति-पत्नी हैं. इसी के साथसाथ बचाव पक्ष्ा ने कोर्ट के सामने कुछ ऐसे सबूत रखे जिसमें आरोपी पर लगे आरोपों में यह धाराएं लागू नहीं होतीं.
पुलिस ने विवाद के मूल कारण की जांच नहीं की
बचाव पक्ष के वकील राशिद सिद्दिकी ने न्यायालय के समक्ष दलील दी कि दोनों पतिपत्नी के झगड़े और विवाद का मूल कारण क्या है, इसकी पुलिस ने जांच नहीं की. पीड़िता के चार बच्चे हैं, जो आरोपी के साथ रह रहे थे. परंतु 5 मार्च 2021 को पीड़िता अपने चार बच्चों को छोड़कर अपने प्रेमी के साथ भाग गई थी. जिसकी मिसिंग की शिकायत कोंढ़वा पुलिस थाने में दर्ज है. जब पीड़िता का 10 महीने तक कुछ अतापता नहीं चला तो आरोपी ने दूसरी शादी कर ली. लगभग 1 वर्ष के बाद पीड़िता अपने पति के पास वापस लौटी और कहा कि मुझसे गलती हो गई है. इसके बावजूद पीड़िता प्रेमी के संपर्क में थी और रंगेहाथों पकड़ी भी गई. यह बात पीड़िता ने बचाव पक्ष के क्रॉस एक्जामिनेशन में स्वीकार की, जिसके चलते आरोपी को बलात्कार और पॉक्सो से रिहा किया गया परंतु मारपीट 323, 324 कोर्ट में सिद्ध हुई, जिसमें सजा का प्रावधान 6 महीने और एक साल है. परंतु आरोपी डेढ़ साल से न्यायिक हिरासत में था, जिसके चलते विशेष न्यायालय क्षीरसागर ने आरोपी को रिहा करने का आदेश दिया.