मुंबई के जीएसटी सुपरिंटेंडेंट सहित तीन रिश्वतखाेर अधिकारियाें की गिरफ्तारी से अधिकारियाें में खलबली मच गई है.सीबीआई ने जाल बिछाकर 20 लाख रुपए की रिश्वत लेते तीनाें अधिकारियाें काे रंगेहाथाें पकड़ा. एडीशनल कमिश्नर, ज्वाइंट कमिश्नर, 4 अधीक्षक, एक सीए और दाे अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. सूत्राें के अनुसार शिकायतकर्ता काे एक मामले में गिरफ्तारी से बचाने के लिए 80 लाख रुपए मांगे गये थे. बाद में 60 लाख देने पर सहमति बनी थी.शिकायत करने के बाद सीबीआई ने ट्रैप लगाकर आराेपियाें काे गिरफ्तार कर लिया.सूत्राें की माने ताे केंद्र सरकार काे राज्याें से जीएसटी कले्नशन जाता है. बाद मेें केंद्र सरकार राज्याें काे उसका हिस्सा देती हसर्वाधिक जीएसटी जमा कराने वाले महाराष्ट्र काे हमेशा कम राशि मिलती है.
आराेप है कि जब शिकायतकर्ता 4 सितंबर की शाम काे सांताक्रूज स्थित सीजीएसटी कार्यालय गया ताे उसे पूरी रात कार्यालय में बंधक बनाकर रखा गया और 5 सितंबर काे करीब 18 घंटे बाद छाेड़ा गया. यह भी आराेप है कि शिकायतकर्ता काे बंधक बनाए रखने के दाैरान एक आराेपीअधीक्षक सीजीएसटी (रिश्वत लेने वाला) ने उसे गिरफ्तार न करने के लिए 80 लाख रुपये की रिश्वत मांगी, जिसे बाद में घटाकर 60 लाख रुपये कर दिया गया.इसके अलावा, यह आराेप लगाया गया कि उक्त अधीक्षक के 3 अन्य सहकर्मी (सभी सीजीएसटी के अधीक्षक) भी शिकायतकर्ता पर दबाव बनाने में उसके साथ शामिल हुए, जिसमें बार-बार बल प्रयाेग और गालीगलाैज करना शामिल था.
आराेप लगाया गया कि शिकायतकर्ता काे हिरासत में लिए जाने के दाैरान उसके चचेरे भाई काे फाेन करके सीजीएसटी अधिकारियाें द्वारा शिकायतकर्ता काे गिरफ्तार न करने और सीजीएसटी द्वारा चल रही जांच में उसका पक्ष लेने के लिए अनुचित लाभ की मांग के बारे में बताया गया. यह भी आराेप लगाया गया कि शिकायतकर्ता के चचेरे भाई ने बाद में एक आराेपी सीए से संपर्क किया, जिसने आगे अन्य आराेपी निजी व्यक्ति और वरिष्ठ सीजीएसटी अधिकारियाें से संपर्क किया, जिसमें आराेपी संयुक्त आयुक्त, सीजीएसटी शामिल थे. दाेनाें आराेपी सीए और अन्य आराेपी निजी व्यक्ति मध्यरात्रि के दाैरान सीजीएसटी कार्यालय गए और सीजीएसटी अधिकारियाें के साथ रिश्वत पर बातचीत की.
यह भी आराेप लगाया गया कि रिश्वत की मांग काे आराेपी सीए के माध्यम से सीजीएसटी अधिकारियाें तक पहुंचाने 60 लाख रुपये की राशि के रूप में अंतिम रूप दिया गया था.60 लाख रुपये की रिश्वत में से, कथित ताैर पर शिकायतकर्ता के चचेरे भाई ने एक अंगड़िया के माध्यम से 30 लाख रुपये का भुगतान किया. इसके अलावा, यह आराेप लगाया गया कि उसके बाद ही शिकायतकर्ता काे अगले दिन सीजीएसटी कार्यालय से जाने दिया गया. सीबीआई ने जाल बिछाया और आराेपी सीए काे शेष रिश्वत राशि में से सीजीएसटी अधिकारियाें की ओर से 20 लाख रुपये की राशि स्वीकार करते हुए रंगेहाथाें पकड़ा. इसके अलावा, नियंत्रित रिश्वत की डिलीवरी अन्य आराेपी निजी व्यक्ति काे की गई, जिसे आराेपी अधीक्षक सीजीएसटी (रिश्वत प्राप्तकर्ता) के माध्यम से सीजीएसटी अधिकारियाें काे रिश्वत देनी थी.