35 हजार महिलाओं द्वारा अथर्वशीर्ष पठन

‌‘दगडूसेठ‌’ गणपति उत्सव में ऋषिपंचमी पर हुआ नारी शक्ति क$ा भव्य जागरण

    09-Sep-2024
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बुधवार पेठ, 8 सितंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
ॐ नमस्ते गणपतये... ॐ गं गणपतये नमः... मोरया, मोरया... का जाप करते हुए लगभग 35 हजार महिलाओं ने एक साथ इकट्ठा होकर अथर्वशीर्ष का पठन कर गणराय का नमन किया. रविवार, 8 सितंबर को ऋषि पंचमी पर आयोजित कार्यक्रम में ऊर्जावान माहौल में हजारों महिलाओं की भीड़ चरम पर थी. महिलाएं मध्यरात्रि से ही पारंपरिक वेशभूषा में इस कार्य के लिए उपस्थित होने लगीं. गणेशजी के नाम का जाप, अथर्वशीर्ष का पाठ और फिर महाआरती कर इन महिलाओं ने नारी शक्ति को जागृत किया. श्रीमंत दगडूसेठ हलवाई सार्वजनिक गणपति ट्रस्ट और सुवर्णयुग तरुण मंडल की ओर से उत्सव के 132वें वर्ष में उत्सव मंडप के सामने यह अथर्वशीर्ष पठन समारोह आयोजित किया गया.
 
अथर्वशीर्ष पठन के लिए दगडूसेठ गणपति के उत्सव मंडप से लेकर नाना वाड़ा तक महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी. भक्तिरस में डूबे माहौल में आरती के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ. इस गतिविधि में पुणे, मुंबई, लातूर, कोल्हापुर, नासिक और राज्य के विभिन्न स्थानों से महिलाओं ने भाग लिया. यह पहल का 39वां वर्ष था. इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अरुणा ढेरे, वृषाली श्रीकांत शिंदे, ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष महेश सूर्यवंशी, सुवर्णयुग तरुण मंडल के अध्यक्ष प्रकाश चव्हाण, यतीश रासने, सौरभ रायकर, मंगेश सूर्यवंशी, शुभांगी भालेराव, अर्चना भालेराव, प्रो. गौरी कुलकर्णी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे.
 
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कार्यक्रम की शुरुआत में महिलाओं ने शंख बजाया. इसके बाद समारोह शुरू हुआ. मन को शांत करने वाला ओंकार जाप, गणेश जागर गीत और मुख्य अथर्वशीर्ष का पाठ कर भगवान गणेश को नमन किया गया. हजारों महिलाएं इस समय हाथ उठाकर और तालियां बजाकर गणराया को प्रणाम कर रही थीं, वह दृश्य मनमोहक रहा. गणेशजी का नाम जपते समय हर महिला के चेहरे पर उत्साह झलक रहा था. ‌‘इंडिया स्टार वर्ल्ड रिकॉर्ड‌’ ने महिलाओं के अथर्वशीर्ष पठन गतिविधि का संज्ञान लिया. ट्रस्ट को इसका प्रमाणपत्र डॉ. दीपक हरके ने सौंपा.
 
बुद्धि ही असली ताकत है
 
डॉ. अरुणा ढेरे ने कहा, बुद्धि ही असली ताकत है. ज्ञान प्राप्त करने के लिए आज बड़ी संख्या में गणराया के सामने आने वाली सभी महिलाओं की तस्वीर प्रेरणादायक है. हर कार्य के पीछे एक मन, एक विचार होता है. हम जो भी करें, सोचसम झकर करें. आज बाहरी परिस्थितियां बदल रही हैं. इसलिए महिलाओं को अपनी शक्ति को जगाना चाहिए.