शरद पवार न शिर्डी में अमित शाह द्वारा की गई बयानबाजी पर पलटवार करते हुए कहा कि तड़ीपार व्यक्ति का गृहमंत्री बनना चिंता की बात है. आगे यह भी कहा कि देश के इतिहास में कई दिग्गज नेताओं ने केंद्रीय गृहमंत्री का पदभार संभाला, लेकिन इनमें से काेई भी तड़ीपार नहीं था. अमित शाह काे अपने पद की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए. बालासाहब ठाकरे की वजह से अमित शाह काे राहत मिली थी. भाजपा में अटलजी जैसे नेता अब नहीं रहे, विपक्षी नेता हाेते हुए भी अटलजी ने मुझे भुज-भूकंप में राहत-बचाव कार्य की जिम्मेदारी साैंपी थी.देश के गृह मंत्री ने शिर्डी में भाषण दिया. बाेलना उनका अधिकार है. लेकिन अगर आप अपूर्ण जानकारी के साथ भाषण देंगे ताे लाेगाें के मन में संदेह पैदा हाे जाएगा.
अमित शाह ने 1978 का जिक्र कर मुझे याद किया. मुझे लगता है कि उन्हें कुछ जानकारी के साथ बात करनी चाहिए. मैं 1958 से राजनीति में हूं. उन्हें शायद यह नहीं पता. 1978 में जब उन्हें राजनीति की काेई जानकारी नहीं थी, तब उस समय मैं राज्य का मुख्यमंत्री था. मेरे मंत्रिमंडल में जनसंघ के नेता उत्तमराव पाटिल, दूसरे नेता हशु आडवाणी जनसंघ के लाेग थे. 1978 की पुलाेद सरकार ने महाराष्ट्र के लिए अच्छा याेगदान दिया. जब मैं मुख्यमंत्री था तब उत्तमराव पाटिल उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री थे. हशु अडवाणी शहरी विकास मंत्री थे. मेरे मंत्रिमंडल में मेरे साथ काम करने वाले लाेग निपुण थे.अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के नामाें का उल्लेख किया जा सकता है. उन्हाेंने राजनीति में कभी उग्रवादी भूमिका नहीं निभाई.
जब भुज में भूकंप आया ताे देश के मुख्यमंत्रियाें की बैठक बुलाई गई. भूकंप और भारी बारिश जैसी आपात स्थिति में क्या किया जाना चाहिए, इस पर चर्चा हुई. उस समय अटल बिहारी वाजपेई ने सुझाव दिया था कि आपातकाल की स्थिति में क्या किया जा सकता है, इस संबंध में शरद पवार का मार्गदर्शन लेना चाहिए. जब मैं विपक्षी दल में था ताे अटल बिहारी वाजपेयी ने मुझे मंत्री का दर्जा दिया और काम भी दिया. इस पृष्ठभूमि की जानकारी हाल के लाेगाें काे नहीं है. मेरे या उद्धव ठाकरे के बारे में जाे कहा गया, उसके बारे में मराठी में एक कहावत है कि कुठे इंद्राचा ऐरावत आणि कुठे शामभट्टाची तट्टाणी, शरद पवार ने यह अमित शाह का मजाक उड़ाते हुए कहा.