पुणे, 12 अक्टूबर (आ.प्र.) आर्मी इंस्टीट्यूशन ऑफ टेक्नोलॉजी (एआईटी), पुणे ने उत्कृष्टता की अपनी प्रतिष्ठा को निरंतर बनाए रखा है. हाल के दिनों में, संस्थान ने कई प्रतिष्ठित हैकाथॉन जीतकर और बेहतरीन प्रदर्शन करके अपनी पहचान बनाई है. यह अनुशासन, दृढ़ संकल्प और उत्कृष्टता की सच्ची भावना को दर्शाता है. एआईटी ने साइबरपीस के सहयोग से प्रादेशिक सेना द्वारा आयोजित एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय साइबर चैलेंज ‘भारतीय सेना टेरियर साइबर क्वेस्ट-2025' में एक महत्वपूर्ण जीत हासिल की है. एआईटी की टीम ने अत्यधिक प्रतिस्पर्धी डेटाथॉन ट्रैक में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया, जिसका उद्देश्य रक्षा क्षेत्र के लिए वास्तविक समय में खतरे की भविष्यवाणी और विसंगति पहचान समाधान विकसित करना था. प्रतिभागी एआईटी टीम ने ‘खतरे का पता लगाने के लिए क्वांटम मशीन लर्निंग' विषय पर अपने अत्याधुनिक समाधान से निर्णायक मंडल को प्रभावित किया. डेटाथॉन ट्रैक में जोरदार भागीदारी देखी गई और पूरे भारत से 6,300 से अधिक समाधान प्राप्त हुए, जिनमें आईआईटी, एनआईटी और आईआईआईटी जैसे प्रमुख संस्थानों की टीमों के साथ-साथ शीर्ष कंपनियों के कार्यरत पेशेवर भी शामिल थे. एआईटी टीम की जीत राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण उभरती प्रौद्योगिकियों में संस्थान की उत्कृष्टता को दर्शाती है. 6 और 7 अक्टूबर को दिल्ली कैन्टोंमेंट के वार्डन सेंटर में 36 घंटे का यह उच्च- तीव्रता वाला हैकाथॉन आयोजित किया गया. परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए गए, जहां टीम को प्रादेशिक सेना के महानिदेशक मेजर जनरल एस. एस. पाटिल द्वारा तुरंत 1 लाख रुपये का पुरस्कार चेक प्रदान किया गया. अपनी जीत के बाद, टीम को 9 अक्टूबर को दिल्ली के रक्षा मंत्रालय के साउथ ब्लॉक स्थित 129 डी कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित एक समारोह में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के हाथों प्रतिष्ठित मिलेनियल ट्रॉफी प्रदान की गई.