पुणे, 12 अक्टूबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) सदर्न कमांड मुख्यालय ने 10 से 11 अक्टूबर को पुणे के आरएसएएमआई में रणनीतिक संचार पर एक दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया. इस कार्यक्रम का शीर्षक था एसेंड 2025 : अलाइनिंग स्ट्रेटेजिक कम्युनिकेशन फॉर एंड्यूरिंग नैरेटिव डोमिनेंस. एसेंड का उद्देश्य आईटी युग में कथात्मक प्रभुत्व (नैरेटिव डोमिनेंस) प्राप्त करने की दिशा में एक सतत राष्ट्रीय प्रयास को संस्थागत रूप देना था. इस संगोष्ठी में वरिष्ठ रक्षा अधिकारी, नीति निर्माता, पूर्व सैनिक, मीडियाकर्मी, शिक्षाविद और उद्योग विशेषज्ञों ने आईटी युग में राष्ट्रीय शक्ति के एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में रणनीतिक संचार पर विचार-विमर्श किया. लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ, पीवीएसएम, एवीएसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, सदर्न कमांड ने मुख्य भाषण दिया. उन्होंने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि रणनीतिक संचार राष्ट्रीय सुरक्षा के एक प्रमुख कार्य के रूप में उभरा है और भारत की कहानी सत्य पर आधारित होनी चाहिए, हमारे मूल्यों पर आधारित होनी चाहिए और स्थायी कथात्मक प्रभुत्व (नैरेटिव डोमिनेंस) प्राप्त करने के लिए दृढ़ कार्यों के साथ संरेखित होनी चाहिए. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष आलोक जोशी इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. आलोक जोशी और वरिष्ठ पत्रकार एवं रक्षा रणनीतिकार नितिन गोखले के बीच एक विशेष बातचीत में भारत के उभरते सूचना परिवेश और एक समन्वित राष्ट्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया. संगोष्ठी में रणनीतिक संचार को संस्थागत बनाना, राष्ट्रीय सुरक्षा के एक भाग के रूप में रणनीतिक संचार, दुष्प्रचार, भ्रामक सूचना और शत्रुतापूर्ण दुष्प्रचार का रणनीतिक प्रतिकार करने पर भारतीय दृष्टिकोण और कथा-रचना में प्रौद्योगिकी का एकीकरण जैसे प्रमुख मुद्दों पर विचार- विमर्श किया गया. पुणे इंटरनेशनल सेंटर (पीआईसी) और सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज इन करंट एंड स्ट्रेटेजिक अफेयर्स (सीएएसए) के सहयोग से आयोजित इस संगोष्ठी का समापन राष्ट्रीय शक्ति के एक प्रमुख घटक के रूप में रणनीतिक संचार को संस्थागत बनाने की आवश्यकता पर आम सहमति के साथ हुआ.