कांग्रेस नेता नाना पटाेले ने रविवार काे महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति सरकार की कड़ी आलाेचना की. उन्हाेंने कहा कि अंग्रेजाें और निज़ाम से भी आगे निकल चुकी सरकार इस समय महाराष्ट्र में सत्ता में है. जन सुरक्षा कानून का इस्तेमाल लाेगाें की आज़ादी काे कुचलने के लिए किया जा रहा है. इस सरकार ने सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाने वालाें काे नक्सली करार देने की ठान ली है. उन्हाेंने यह भी चेतावनी दी कि ओबीसी और मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा ओबीसी के साथ किया गया विश्वासघात उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.आगामी स्थानीय निकाय चुनावाें की नीति पर बाेलते हुए, नाना पटाेले ने कहा कि स्थानीय नेता और कार्यकर्ता जाे भी निर्णय लेंगे, वह क्षेत्र काे स्वीकार्य हाेगा.हम स्थानीय स्तर पर नेताओं और कार्यकर्ताओं से चर्चा करने के बाद परिस्थिति के अनुसार निर्णय लेंगे. यही पार्टी की नीति है.
नागपुर में ओबीसी समुदाय का एक माेर्चा निकाला गया. हालांकि, पटाेले इस माेर्चा में माैजूद नहीं थे.पटाेले ने इस माेर्चा में अपनी अनुपस्थिति का कारण बताया.मेरे एक करीबी कार्यकर्ता का निधन हागया था.नाना पटाेले ने कहा, मुझे देर हाे गई क्याेंकि मैं उनके अंतिम संस्कार में गया था. इसलिए मैं नागपुर में ओबीसी माेर्चा में नहीं जा सका.मराठा प्रदर्शनकारी मनाेज जरांगे के बारे में पूछे जाने पर पटाेले ने कहा, मनाेज जरांगे हमारा विषय नहीं हैं. वह काेई राजनीतिक नेता नहीं हैं, बल्कि एक समुदाय का नेतृत्व करते हैं. इसलिए मैं मनाेज जरांगे के बारे में काेई बयान नहीं दूंगा.क्याेंकि यह राजनीतिक नहीं है. मुख्य मुद्दा यह है कि हम भाजपा द्वारा आदिवासी, ओबीसी और मराठा समुदाय के साथ किए गए विश्वासघात पर ध्यान केंद्रित करेंगे. काेई क्या कहता है, इससे हमें काेई लेना-देना नहीं है.
हम जनता के सामने राजनीतिक व्यवस्था के आधार पर बहुजनाें काे किस तरह से नुकसान पहुंचाया गया है, इसकी तस्वीर पेश करेंगे. हमें किसी की बाताें का प्रमाणपत्र नहीं मिल रहा है. हम हकीकत देख रहे हैं, नाना पटाेले ने कहा.महाराष्ट्र में महायुति सरकार अंग्रेजाें और निज़ामाें से भी आगे जा रही है. महायुति सरकार ने अब पब्लिक सेफ्टी एक्ट लाकर उन लाेगाें काे अर्बन नक्सली घाेषित करने का फैसला किया है जाे अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का इस्तेमाल करके सरकार और प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाते हैं.
अंग्रेजाें ने ऐसा कभी नहीं किया. उन्हाेंने कभी नहीं कहा कि आप आतंकवादी या नक्सली हैं. उनके समय में भी आप अपनी राय व्यक्त कर सकते थे. लेकिन आज भाजपा ने जिस तरह से महाराष्ट्र और देश में एक तरह का अघाेषित आपातकाल लगाया है, वह निज़ाम और अंग्रेजाें से भी ज़्यादा उन्नत है. इसलिए, लाेकतंत्र की हत्या का पाप करने वालाें काे बाेलने का काेई अधिकार नहीं है, ऐसी पटाेले ने आलाेचना की.