गोवर्धन शर्मा घायल के साहित्य पर आधारित संगोष्ठी संपन्न

13 Oct 2025 15:23:21

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पिंपरी, 12 अक्टूबर (आ.प्र.)
पिंपरी स्थित बी. टी. आडवाणी धर्मशाला में राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सांस्कृतिक कार्य विभाग, महाराष्ट्र राज्य सिंधी साहित्य अकादमी के सहयोग से रविवार को सुबह 11 बजे स्वर्गीय गोवर्धन शर्मा घायल के साहित्य पर आधारित संगोष्ठी का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि मनोहर जेठवानी, सुरेश हेमनानी, विनीता बसंतानी थे जबकि अध्यक्षता प्रसिद्ध निर्माण व्यवसायी परमानंद जामतानी ने की. दादा गोवर्धन शर्मा की पुत्री योगिता शर्मा, कमल मलकानी, ज्योतिका मलकानी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं. कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद प्रथम सत्र में सिंधी साहित्य की सुप्रसिद्ध लेखिका एवं मुंबई यूनिवर्सिटी की समन्वयक संध्या कुंदनानी उपस्थित रहीं. इस अवसर पर पूर्व प्रधानाचार्य, लेखिका, साहित्यकार विनीता बसंतानी ने गोवर्धन शर्मा घायल व्यक्तित्व विषय पर बोलते हुए कहा कि गोवर्धन शर्मा का जन्म 1 दिसंबर 1937 को सिंध में हुआ था. देश के विभाजन के बाद, उनका परिवार भारत के गांधीधाम में बस गया, जिसके बाद दादा गोवर्धन शर्मा ने एम.ए. सिंधी की डिग्री प्राप्त की. दादा गोवर्धन शर्मा एक संगीतकार भी थे और विभिन्न वाद्य यंत्र बजाते थे. दादा गोवर्धन शर्मा सिंधी साहित्य के प्रसिद्ध कवि भी थे और उनकी कई कविताएं सिंधी में प्रकाशित हुईं और सिंधी साहित्य महोत्सव में सुनाई गईं. कवि, लेखक, शोधकर्ता और अनुवादक मंथन बचानी ने सिंधी भाषा में दादा गोवर्धन शर्मा की विभिन्न कविताओं का पाठ किया. इस दौरान श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया.सिंधी बाल साहित्यकार प्रिया वछानी ने दादा गोवर्धन शर्मा की प्रसिद्ध गजलों और एक लेखक के रूप में उनके सफर के बारे में जानकारी दी.सिंधी व्याख्याता जीवत केसवानी ने दादा गोवर्धन शर्मा की कृति ‌‘घायल शखसी अजमुदा' की प्रशंसा करते हुए उसकी जानकारी दी. इस अवसर पर सिंधी साहित्य की प्रसिद्ध गजल गायिका इंद्रा पूनावाला का विशेष अभिनंदन किया गया. इस अवसर पर श्रोताओं ने उनकी प्रसिद्ध गजलों की सराहना की. कार्यक्रम का संचालन मनोहर जेठवानी ने किया. राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में हरीश इरनक और दत्तप्रभु जाधव उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन रेशमा हेमनानी ने किया. मनोहर जेठवानी ने आभार व्यक्त किया. श्रीचंद नागरानी, सुनील कुकरेजा, तुलसीदास तलरेजा, अजीत कंजवानी, हरेश गंगवानी, पूजा गंगवानी, दिलीप बसंतानी, हेमंत राजेश, हीरा रिजवानी, आत्म प्रकाश मताई आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाने में कड़ी मेहनत की. कार्यक्रम की शुरुआत ‌‘महाराष्ट्र गीत' से हुई और समापन ‌‘राष्ट्रगीत' के साथ हुआ.  
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