छात्राें को डिग्री के बाद भी पढ़ाई जारी रखनी चाहिए

13 Oct 2025 14:53:34
 
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लोणी कालभोर, 12 अक्टूबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

छात्रों को व्यावसायिक कौशल तथा मिशन और एक्शन के दो सिद्धांतों के आधार पर जीवन में आगे बढ़ना चाहिए. शिक्षा सबसे अधिक संख्या में रोजगार प्रदान करती है. इसलिए छात्रों को अपनी डिग्री पूरी करने के बाद भी पढ़ाई जारी रखनी चाहिए, ऐसे विचार पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस ने व्यक्त किए. वे एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के 7वें दीक्षांत समारोह में वह शनिवार (11 अक्टूबर) को बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. वेिश सभा मंडप, वेिशराजबाग (लोणी कालभोर) में यह कार्यक्रम हुआ. इस अवसर पर यूनिवर्सिटी के 6,800 छात्रों को उपाधि प्रमाण पत्र प्रदान किए गए. इस कार्यक्रम में डॉ. सी. वी. आनंद बोस ने प्रो. डॉ. वेिशनाथ दा. कराड को गवर्नर्स अवॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस से नवाजा. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सलाहकार और लेखक प्रो. डॉ. राम चरण बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. साथ ही एमआईटी डब्ल्यूपीयू के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. राहुल वेिशनाथ कराड, डॉ. सुनीता कराड, कुलसचिव प्रो. गणेश पोकले, सीओओ डॉ. संतोष सोनावणे समेत यूनिवर्सिटी के डीन और निदेशक सभी उपस्थित थे. समारोह में ेशेता राजश्री अय्यर को ‌‘फाउंडर प्रेसिडेंट मेडल' और वेदांगी गुणेश पाटकर को एक्जीक्यूटिव प्रेसिडेंट मेडल से सम्मानित किया गया. साथ ही 114 छात्रों को स्वर्ण पदक, 96 रजत पदक और 96 कांस्य पदक ऐसे कुल 306 छात्रों को प्रदान किए गए. साथ ही 37 छात्रों को पीएच.डी की उपाधि प्रदान की गई. प्रो. रामचरण ने कहा, जीवन में सफल होने के लिए प्रतिदिन मानसिक क्षमता बढ़ा2ना, प्रतिदिन अध्ययन करना, लोगों के साथ काम करना सीखना, वेिशसनीय बनना और लोगों पर भरोसा करना सीखना, तथा सत्य एवं वादों को निभाना बहुत जरूरी है. असली यात्रा डिग्री प्राप्त करने के बाद शुरू होती है. कुलपति डॉ. आर. एम. चिटणीस ने प्रस्तावना रखते हुए स्वागत पर भाषण दिया. सीईओ डॉ. प्रसाद खांडेकर ने छात्रों को शपथ दिलाई. प्रो. डॉ. गौतम बापट ने कार्यक्रम का संचालन किया. परीक्षा नियंत्रक डॉ. राहुल जोशी ने आभार व्यक्त किया. छात्रों को धर्म और कर्तव्यों का ज्ञान हो प्रो. डॉ. वेिशनाथ दा. कराड ने कहा, भारतीय संस्कृति, परंपरा और दर्शन जीवन में शांति स्थापित करने वाले सिद्धांत हैं. छात्रों को अपने धर्म और अपने कर्तव्यों का ज्ञान होना चाहिए. भविष्य में सुख और शांति का मार्ग दिखाना भारत की जिम्मेदारी है.  
 
 आध्यात्मिक ज्ञान के साथ वेिशस्तरीय ज्ञान

डॉ. राहुल वेिशनाथ कराड ने कहा, यह यूनिवर्सिटी आध्यात्मिक ज्ञान के साथ साथ वेिशस्तरीय ज्ञान प्रदान करके छात्रों को शिक्षित करने का महत्वपूर्ण कार्य करती है. शिक्षा और अनुसंधान के माध्यम से समाज की अधिकतम समस्याओं के समाधान पर अधिक बल दिया जा रहा है.  
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