भारतीय लोकतंत्र का मॉडल दुनिया के सामने

14 Oct 2025 14:43:53

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बारबाडोस, 13 अक्टूबर (आ.प्र.)

भारतीय लोकतंत्र और महिला नेतृत्व का मॉडल दुनिया के सामने आया है. विधान परिषद की उप सभापति डॉ. नीलम गोर्हे ने कहा कि एक मजबूत लोकतंत्र तभी पूर्ण होता है जब प्रत्येक घटक, विशेषकर विकलांग नागरिक, समानता और सम्मान के साथ भाग लें. हाल ही में बारबाडोस में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ का 68वां वेिश सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. सम्मेलन के अंतिम दिन विकलांग नागरिकों के मुद्दों पर भी चर्चा हुई. डॉ. गोर्हे इस अवसर पर बोल रही थीं. इस सम्मेलन में दुनिया भर के लगभग 20 से 22 देशों के सांसदों और 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया. अंतिम दिन, सम्मेलन की आम बैठक आयोजित की गई. इसमें महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व डॉ. नीलम गोर्हे ने किया. उन्होंने महिलाओं के विरुद्ध हिंसा और भेदभाव के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कार्यान्वयन तंत्र को और अधिक प्रभावी बनाने की अपील की. सम्मेलन में अपने अनुभव के बारे में बोलते हुए, डॉ. गोर्हे ने कहा कि विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों के साथ लैंगिक समानता, महिला आरक्षण, लोकतंत्र की मजबूती और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर बातचीत से नए दृष्टिकोण उभरे. इस सत्र में उपस्थित सभी सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के भाषणों की सराहना की. बारबाडोस की प्रधानमंत्री श्रीमती मिया मोटली और राष्ट्रपति श्रीमती सैंड्रा मेसन के भी विचार सुने गए.  
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