साहित्य एक सार्थक जीवन की नींव

15 Oct 2025 14:42:19
vdsVb  
विमाननगर, 14 अक्टूबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

प्रसिद्ध गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने सिम्बायोसिस लिटरेरी फेस्टिवल 2025 के समापन समारोह के दौरान सहानुभूति, रचनात्मकता और समग्र शिक्षा को बढ़ावा देने में साहित्य और उदार कलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने श्रोताओं को संबोधित करते हुए, इस बात पर जोर दिया कि साहित्य में मानवीय मतभेदों को पाटने की शक्ति है. अख्तर ने कहा कि साहित्य केवल उन लोगों के लिए नहीं है जो इसे लिखते हैं; यह सभी के लिए है. यह हमें विभिन्न राष्ट्रीयताओं, भाषाओं और संस्कृतियों के लोगों के बारे में सिखाता है, साथ ही यह भी दर्शाता है कि मनुष्य वास्तव में कितने समान हैं. यह हमें एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है. सिम्बायोसिस के संस्थापक एवं अध्यक्ष तथा सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. एस. बी. मुजुमदार ने जावेद अख्तर का स्वागत एवम्‌‍ सम्मान किया. डॉ. विद्या येरवडेकर (प्रो-चांसलर, सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी) और डॉ. रामकृष्णन रमन (कुलपति, सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी) समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में उपस्थित थे. अपने संबोधन में अख्तर ने एक सर्वांगीण शिक्षा के महत्व पर जोर दिया और कहा कि विभिन्न विषयों से परिचित होने से मानवीय समझ समृद्ध होती है. उन्होंने कहा कि कला की शिक्षा जशरी है. इंजीनियरों को भी यह जानना जशरी है कि एआई, खगोल विज्ञान और आनुवंशिकी में क्या हो रहा है. हर कोई साहित्यिक प्रतिभावान, वैज्ञानिक या डॉक्टर नहीं हो सकता, लेकिन हर क्षेत्र का बुनियादी ज्ञान होना एक संपूर्ण व्यक्ति बनाता है. साहित्य को सार्थक जीवन की नींव बताते हुए, अख्तर ने आगे कहा, चाहे आप इंजीनियर, डॉक्टर या वैज्ञानिक हों, साहित्य जीवन को अधिक करुणामय, सौंदर्यपूर्ण और सुंदर बनाता है. हो सकता है कि आप दुनिया के हर हिस्से में हर घर में न जा पाएं, लेकिन साहित्य के माध्यम से आप हर इंसान के लिए करुणा और समझ हासिल करते हैं.  
 
Powered By Sangraha 9.0