दाैलत शुगर फैक्ट्री की बिक्री प्रक्रिया पर काेर्ट की राेक

17 Oct 2025 23:54:40
 
 

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चंदगड स्थित दाैलत शेतकरी सहकारी शुगर फैक्ट्री की ई-नीलामी के माध्यम से हाेने वाली बिक्री प्रक्रिया पर आखिरकार दिल्ली के ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) ने राेक लगा दी है. इस निर्णय से दाैलत शुगर फैक्ट्री के किसान सदस्य संताेष व्यक्त कर रहे हैं.काेल्हापुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के बकाये के कारण दाैलत शुगर फैक्ट्री पिछले 12 वर्षाें से आर्थिक संकट में थी. इसी पृष्ठभूमि में काेल्हापुर जिला मध्यवर्ती सहकारी (केडीसीसी) बैंक ने वर्ष 2019 में मे. अथर्व इंटरट्रेड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ फैक्ट्री काे 39 वर्षाें की लीज़ पर चलाने का करार किया था. इस करार के अनुसार, बैंक के कुल वैधानिक देयाें में से 162 कराेड़ रुपये की वसूली की जिम्मेदारी उक्त कंपनी की थी.
 
इस लीज़ करार में उल्लिखित देयाें में से 18.8 कराेड़ रुपये कीशुगर विकास निधि और उस पर लगने वाले ब्याज की वसूली के लिए राष्ट्रीय सहकार विकास निगम (एनसीडीसी) ने हस्तक्षेप करते हुए इस फैक्ट्री काे ई-नीलामी प्रक्रिया के तहत बिक्री के लिए रखा था.
एनसीडीसी ने 23 अगस्त 2024 काे ई-नीलामी क्रिया की घाेषणा प्रकाशित की थी और नीलामी 9 अक्टूबर 2025 काे हाेनी थी. लेकिन केडीसीसी बैंक, अर्थ इंटरट्रेड प्राइवेट लिमिटेड और दाैलत शुगर फैक्ट्री के प्रबंधन ने इस बिक्री प्रक्रिया के खिलाफ दिल्ली डीआरटी न्यायालय में दलीलें पेश कीं. इस दाैरान डीआरटी काेर्ट के वसूली अधिकारी द्वारा जारी फैक्ट्री की नीलामी काे गलत ठहराते हुए लिखित और माैखिक दाेनाें प्रकार की दलीलें अदालत के समक्ष रखी गईं. न्यायालय ने इन दलीलाें पर विचार करते हुए फैक्ट्री की बिक्री प्रक्रिया काे स्थगित करने का आदेश दिया.
 
बैंक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रीति भट्ट ने पक्ष रखा.ेडीसीसी बैंक द्वारा दाैलत शुगर फैक्ट्री काे चलाने के लिए किया गया लीज़ करार वैध है, यह बात अदालत ने स्पष्ट की. शुगर फैक्ट्री के स्वामित्व परिवर्तन से संबंधित जारी मामलाें के बाद दिल्ली स्थित डीआरटी न्यायालय ने विस्तृत आदेश जारी किया और अधिवक्ता प्रीति भट्ट द्वारा रखे गए तर्काें काे स्वीकार करते हुए सहकारी बैंक द्वारा केंद्र सरकार की एनसीडीसी और एसडीएफ जैसी नाेडल संस्थाओं के खिलाफ की गई कानूनी कार्रवाई काे उचित माना. इस नीलामी प्रक्रिया पर राेक लगाने के लिए अथर्व इंटरट्रेड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने अपील दाखिल की थी. इस दलील काे स्वीकार करते हुए ङ्गडीआरटीफ न्यायालय ने कहा कि केडीसीसी बैंक द्वारा दाैलत शुगर फैक्ट्री काे चलाने के लिए किया गया लीज़ करार उचित है. साथ ही, बैंक द्वारा सिक्याेरिटाइजेशन एक्ट-2002 के तहत चलाई गई प्रक्रिया काे भी न्यायालय ने सही ठहराया.
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