प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किसानाें काे खुलेआम ठगा यह आराेप कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता सचिन सावंत ने लगाया.उन्हाेंने आगे कहा की- साेयाबिन के लिए 6 हजार रुपये की गारंटी कीमत नहीं दी जा रही. भारी बारिश से पीडित किसानाें काे घाेषित मदद हवा उड़ गइइससे किसानाें काे काली दिवाली मनानी पड़ी. सरकार जानबूझकर एमआरपी केंद्र शुरु करने में देरी कर रही है.माेदी सरकार ने इस साल साेयाबीन के लिए केवल 5,328 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य घाेषित किया है. लेकिन 2013 में, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए, देवेंद्र फडणवीस ने किसान रैली निकालकर साेयाबीन के शुरु करने में देरी कर रही है.
माेदी सरकार ने इस साल साेयाबीन के लिए केवल 5,328 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य घाेषित किया है. लेकिन 2013 में, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए, देवेंद्र फडणवीस ने किसान रैली निकालकर साेयाबीन के लिए 6,000 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग की थी. उस रैली काे 12 साल हाे गए हैं और माेदी सरकार के सत्ता में आने के 11 साल बाद भी, किसानाें काे साेयाबीन के लिए 6,000 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिला है. जब देवेंद्र फडणवीस 2013 में सड़काें पर उतरे और किसानाें के लिए लड़ रहे थे, तब लाेगाें के सामने यह सवाल था कि क्या उनकी आवाज़ और भावनाएं सच्ची थीं या सिर्फ राजनीति का हिस्सा थीं. आज, जब वे सत्ता में हैं, उन्हें वह मूल्य नहीं मिला है जिसकी उन्हाेंने खुद मांग की थी. यह भाजपा की कथनी और करनी में दाेहरेपन का स्पष्ट उदाहरण है.