अब पूरे देश में SIR लागू हाेगा. चुनाव आयाेग द्वारा बड़ा निर्णय लिया गया. सभी राज्याें के मुख्य चुनाव आयुक्ताें काे तैयारी में जुट जाने का आदेश दिया गया है. नवंबर में SIR की शुरुआत हाेगी. सुप्रीम काेर्ट के निर्देशाें का पालन हाेगा, 2026 के राज्य चुनावाें से पहले प्रक्रिया पूरी हाेगी, यह जानकारी चुनाव आयाेग द्वारा दी गई.तमिलनाडु में अगले सप्ताह शुरु हाेगा एसआयआर का काम.निर्वाचन आयाेग ने नवंबर से देशभर में मतदाता सूचियाें की गहन पुनरीक्षण (SIR) की तैयारी पूरी कर ली है. एसआईआर का कार्यक्रम इस तरह से बनाया जाएगा कि अगले साल मई में चुनाव वाले राज्याें में भी यह काम पूरा हाे सके. मार्च 2026 तक सभी राज्याें में नई मतदाता सूची तैयार करने की याेजना है. सभी राज्याें के चुनाव अधिकारियाें काे निर्देश दिया गया है कि आधार कार्ड काे 12वें दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाएगा.
आयाेग का दावा है कि उनका पूरा ध्यान केरल, तमिलनाडु, प. बंगाल, असम और पुडुचेरी पर है, जहां मई 2026 तक चुनाव हाेने हैं. एसआईआर का उद्देश्य मतदाता सूचियाें में दाेहरे मतदाताओं काे हटाना और यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता भारतीय नागरिक है.ऐसी समीक्षा 2 दशक बाद हाे रही है, क्याेंकि शहरीकरण और माइग्रेशन बढ़ने से इसकी जरूरत महसूस हुई.यहां हालात ऐसे आंध्र प्रदेश में 2003- 2004 5.5 कराेड़ मतदाता थे, अब 6.6 कराेड़ हैं. उत्तर प्रदेश में 2003 में 11.5 कराेड़ थे, अब 15.9 कराेड़ हैं.दिल्ली में 2008 में 1.1 कराेड़ थे, अब 1.5 कराेड़ हैं. बैठक में तय हुआ कि बीएलओ हर मतदाता के घर जाकर प्री फील्ड फाॅर्म पहुंचाएंगे. इस प्रक्रिया में 31 दिसंबर तक 18 वर्ष के हर मतदाता काे शामिल माना जाएगा. देशभर में 99 कराेड़ 10 लाख मतदाता हैं. इनमें से बिहार करीब 8 कराेड़ मतदाताओं की प्रक्रिया पूरी हाे चुकी है. 2002 से 2004 के बीच एसआरए में 70 कराेड़ मतदाता दर्ज हुए थे. ऐसे में माना जा रहा है कि 21 कराेड़ मतदाताओं काे ही जरूरी दस्तावेज देने हाेंगे.