बाजारों को 24 घंटे खुला रखना स्वागत योग्य, लेकिन सुरक्षा जरूरी

05 Oct 2025 14:51:05
 

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लक्ष्मी रोड, 4 अक्टूबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
राज्य में दुकानें, मॉल, होटल, सिनेमा हॉल, थिएटर और अन्य प्रतिष्ठान अब 24 घंटे खुले रह सकेंगे. उद्योग विभाग ने बुधवार (1 अक्टूबर) को इस संबंध में एक परिपत्र जारी किया. हालांकि यह निर्णय पुराना है, लेकिन बताया गया कि पुलिस द्वारा सप्ताह के सभी दिनों में प्रतिष्ठानों को संचालित करने से रोक लगाई जा रही थी. इसलिए, उद्योग विभाग ने अधिक स्पष्टता लाने के लिए एक नया परिपत्र जारी किया है. गौरतलब है कि बार, परमिट रूम, हुक्का पार्लर और देसी बार को इससे बाहर रखा गया है और उनके समय में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यह निर्णय उद्योगों के साथसाथ रिटेल व्यापार जैसे क्रय-विक्रय को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है. उद्योग विभाग के परिपत्र के अनुसार, प्रतिष्ठानों को सप्ताह के सभी दिन काम करने की अनुमति होगी. हालांकि, कर्मचारियों को 24 घंटे का निरंतर आराम मिल सके, इसके लिए साप्ताहिक अवकाश देना अनिवार्य होगा.  
 
शराब और वाइन की दुकानें 24 घंटे नहीं खोली जा सकेंगी
 इस संबंध में मूल निर्णय 2017 में लिया गया था, लेकिन शराब की दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों में भ्रम की स्थिति थी. इसके कारण, पुलिस अन्य दुकानों को भी रात में खुलने से रोक रही थी. इसमें स्पष्टता लाने के लिए उद्योग विभाग द्वारा यह परिपत्र जारी किया गया है. ‌‘दिन' को मध्यरात्रि से 24 घंटे के रूप में परिभाषित किया गया है. नए निर्णय में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोई भी शराब और वाइन की दुकानें 24 घंटे नहीं खोली जा सकेंगी.  
 
होटल व्यवसायियों और खाने-पीने के विक्रेताओं को लाभ
हम सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का स्वागत करते हैं. इसका मुख्य लाभ होटल व्यवसायियों और खानेपीने के विक्रेताओं को होगा. मुझे लगता है कि अन्य व्यापारी भी इसका स्वागत करेंगे. हालांकि, इस फैसले से कर्मचारियों से संबंधी कुछ समस्याएं बढ़ सकती है. तीन शिफ्टों में काम करना होगा. दुकानें देर रात तक खोली जा सकेंगी, यह एक बड़ा फायदा है. हालांकि, उस दौरान किए गए व्यवसाय और उस पर आने वाली लागत, दोनों का हिसाब लाभदायक होना चाहिए. बेशक, भले ही यह सुविधा सरकार के फैसले की वजह से संभव हुई हो, लेकिन आगे की बातें इस बात पर निर्भर करती हैं कि ग्राहक इसे कैसे स्वीकार करते हैं.
-युवराज गाड़वे, निदेशक, काका हलवाई
 

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समय-बाधित नियम नहीं होने से मुक्त व्यापार संभव

सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है. हालांकि, साथ ही, सरकार को सुरक्षा की गारंटी भी देनी चाहिए. अगर व्यापार 24 घंटे चलना है, तो क्या रात्रि गश्त के लिए पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी..? कुछ और भी सवाल हैं. क्योंकि, अगर व्यापार 24 घंटे चलना है, तो कर्मचारियों की संख्या बढ़ानी होगी. आजकल 70 प्रतिशत कर्मचारी महिलाएं हैं. अब रात में प्रतिष्ठान चलाने के लिए अलग से कर्मचारी रखने होंगे. इसलिए, यह कहा जा सकता है कि इस तरह से व्यापार करने में केवल वही सफल हो सकते हैं जिनके पास प्रबंधन की अच्छी दृष्टि हो. खासकर उद्योग और कॉर्पोरेट क्षेत्र को इसका लाभ मिल सकता है. चूंकि दुकानें बंद करने का कोई समय-बाधित नियम नहीं है, इसलिए मुक्त व्यापार हो सकता है. यह रोजगार वृद्धि का एक अच्छा अवसर है. खासकर, यह निर्णय खाद्य पदार्थ व्यवसायियों के लिए अच्छा है.
 - फत्तेचंद रांका, अध्यक्ष, पुणे,  व्यापारी महासंघ
 

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 इस निर्णय से खुले मन से व्यापार कर सकेंगे

इस निर्णय का पूरे महाराष्ट्र के व्यापारी समुदाय ने स्वागत किया है. मुंबई अधिनियम दुकान अधिनियम के नियमों के अनुसार, पहले भी दुकानें खोलने और बंद करने की कोई समय-सीमा नहीं थी. दुकान अधिनियम के नियमों के अनुसार, प्रतिष्ठान 8 घंटे खुला रहना चाहिए. सप्ताह में एक बार अवकाश होना चाहिए. इसके अलावा, श्रमिक वर्ग को 21 सवेतन अवकाश मिलते थे. लेकिन, स्थानीय स्तर पर पुलिस प्रशासन अपनी सुविधानुसार रात 10 बजे से 12 बजे तक प्रतिष्ठान बंद कर देता था, जो होटल व्यवसायियों/आइसक्रीम पार्लरों/खाद्य विक्रेताओं/बेकरी/केमिस्ट के लिए भी अनावश्यक परेशानी का कारण बनता था. अगर कोई नियम बताता भी, तो कागज दिखाने की बात पर अक्सर बहस शुरू हो जाती थी. हमें यह कष्ट सहना पड़ता था. इस संबंध में, पुणे जिला रिटेल व्यापारी संघ ने भी मुद्दे उठाए थे. अब सरकार के इस निर्णय के लिए राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उद्योग विभाग का हार्दिक आभार. इस निर्णय से आप खुले मन से व्यापार कर सकेंगे. रोजगार तीन गुना बढ़ेगा. इससे व्यापार तो बढ़ेगा ही, महाराष्ट्र की जीडीपी भी बढ़ेगी. लेकिन, अब से व्यापारी वर्ग के लिए दुकान के अंदर और बाहर सीसीटीवी लगाना और व्यापार करते समय बिजली की रोशनी प्रदान करना बहुत जशरी है. यदि यह निर्णय जारी रहता है, तो इससे चोरी और अन्य गलत कामों में कमी आएगी. हमारा यह भी अनुभव है कि जहां यातायात होती है, वहां कुछ गलत कामों पर भी अंकुश लगता है. हम भी इस कार्य में पहल करने और सरकार का सहयोग करने के लिए तैयार हैं.
- सचिन निवंगुणे, संस्थापक-अध्यक्ष, पुणे जिला, रिटेल व्यापारी संघ
 

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 दुकानदारों की पारिवारिक खुशी के मुद्दे पर भी विचार जरुरी

 यह मांग लंबे समय से चली आ रही है. महानगरों में इसकी विशेष रूप से आवश्यकता थी. लेकिन, कुछ मुद्दों पर ध्यान देना जरुरी है. यदि दुकान 24 घंटे खुली रखनी है, तो कर्मचारियों की आवश्यकता होगी. यानी लागत बढ़ेगी. यदि दुकानदार स्वयं इस लागत को बचाने के लिए पूरे समय दुकान पर बैठे, तो उसका व्यवसाय बढ़ेगा, उसे अधिक धन प्राप्त होगा. लेकिन, स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता. जो लोग, आगे दुकान और पीछे मकान, इस तरह से व्यवसाय करते हैं, उन्हें इससे लाभ हो सकता है. इस पृष्ठभूमि में, मुझे लगता है कि इस निर्णय पर दो मुद्दों को ध्यान में रखकर विचार किया जाना चाहिए. एक तो पुणे जैसे शहर में कानून-व्यवस्था का मुद्दा और दूसरा दुकानदारों की पारिवारिक खुशी का मुद्दा. इस निर्णय के फायदे और नुकसान दोनों हैं.
-सूर्यकांत पाठक, कार्यकारी निदेशक, ग्राहक पेठ
 

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अब नाइटलाइफ का आनंद लेने में कोई डर नहीं रहेगा

हम, पुणे होटलियर एंड रेस्टॉरेंट एसोसिएशन (प्राहा) की ओर से, इस निर्णय के लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हैं. पुणे एक आईटी हब है. सरकार ने उनके लिए कई तरह की रियायतें दी हैं. लोग यहां देर रात तक काम करते हैं. यह सरकार द्वारा उठाया गया एक सकारात्मक कदम है जिससे उन सभी को सुविधा होगी. यह न केवल बाहरगांव के लोगों के लिए नहीं, बल्कि देश के बाहर के लोगों के लिए भी एक बड़ी सुविधा होगी. अब पुणेवासियों को नाइटलाइफ का आनंद लेने में कोई डर नहीं रहेगा. मुझे नहीं लगता कि कोई कानून-व्यवस्था की समस्या होगी. इस निर्णय से रोजगार बढ़ेगा. आधिकाधिक तौर पर व्यापार किया जा सकेगा, और रेवेन्यू बढ़ेंगे. रेस्टोरेंट या दुकानें रात में बंद होने से, बहुत से लोग देर रात अपने घरों से बाहर निकलने से बचते हैं क्योंकि उन्हें खाना नहीं मिलने का डर रहता था. लेकिन, अब लोग बिना किसी हिचकिचाहट के अपने घरों से निकलेंगे. अगर रेस्टॉरेंट खुले रहेंगे, तो वे अपने परिवार के साथ आनंद ले सकेंगे. इसके अलावा, अगर रेस्टॉरेंट खुले रहेंगे, तो उनसे जुड़े व्यवसाय भी चलते रहेंगे. कुल मिलाकर, यह सरकार द्वारा लिया गया एक बहुत ही सकारात्मक निर्णय है.
-गणेश शेट्टी, अध्यक्ष, प्राहा  
 
 
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