विपरीत दिखाई देने वाली हर चीज मूल में जुड़ी

09 Oct 2025 23:19:56
 

Osho 
 
हम साेचते हैं कि काेई आदमी बड़ा प्रेमी है, अत: हमें आश्चर्य हाेता है कि वह घृणा कैसे कर सकता है? काेई आदमी बड़ा घृणापूर्ण है, अत: वह प्रेम कैसे कर सकता है? किंतु यदि तुम्हारा प्रेम ऐसा है कि तुम घृणा नहीं कर सकते हाे, ताे िफर तुम्हारा प्रेम कुछ भी नहीं है. उसमें काेई उष्मा, काेई जीवन नहीं हाेगा.तुम्हारा प्रेम नपुंसक हाेगा. यदि तुम घृणा नहीं कर सकते ताे िफर तुम्हारा प्रेम जीवंत नहीं हाे सकता. और यही बात दूसरे छाेर की भी है. यदि तुम र्सिफ घृणा ही कर सकते हाे और प्रेम नहीं कर सकते ताे िफर तुम्हारा प्रेम जीवंत नहीं हाे सकता. और यही बात दूसरे छाेर की भी है. यदि तुम र्सिफ घृणा ही कर सकते हाे और प्रेम नहीं कर सकते, ताे तुम्हारी घृणा भी थाेथी हाेगी.वह जाे विपरीत है, वह जीवन प्रदान करता है.यदि तुम घृणा भी कर सकते हाे, ताे तुम्हारा प्रेम समृद्ध हाेगा.
 
घृणा करने की जरूरत नहीं है, किंतु यदि तुम घृणा कर सकते हाे, यदि वैसी तुम्हारी सामर्थ्य है, यदि तुम घृणा भी कर सकने में समर्थ हाे, ताे तुम्हारे प्रेम में एक अलग ही प्रकार की गुणवत्ता हाेगी- एक गहरी गुणवत्ता हाेगी.प्रत्येक चीज जाे कि विपरीत दिखाई पड़ती है, वह मूल में जुड़ी हुई है, और वह विपरीत ही शक्ति देता है.किंतु हमें एक ही जगह स्थिर हाेने का प्रशिक्षण दिया गया है. हमें प्रक्रियाओं की तरह प्रशिक्षित नहीं किया गया है, किंतु पूरी हाे चुकी घटनाओं की तरह, खत्म हाे गई चीजाें की तरह प्रशिक्षित किया गया है.इसलिए हम कहते हैं कि काेई आदमी ऐसा है जाे कि दयालु है, काेई आदमी क्राेध करने वाला है. परंतु यदि जाे व्यक्ति र्सिफ दयालु ही हाे और वह यदि क्राेध नहीं कर सकता हाे, ताे उसकी दयालुता उथली हाेगी. उसकी दयालुता र्सिफ ऊपर का आवरण हाेगी. यदि वह क्राेध भी कर सके, तभी उसकी दयालुता में भी गहराई हाेगी.
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