महाराष्ट्र की राजनीति में अहम मुद्दा बन चुके शिवसेना पार्टी चुनाव चिन्ह विवाद पर अगली सुनवाई 12 नवंबर काे हाेगी. सुप्रीम काेर्ट में बुधवार काे सुनवाई हुई. यह मामला 16 काे न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया था. इस दाैरान उद्धव ठाकरे गुट के वकील कपिल सिब्बल ने पीठ से अगली तारीख मांगी.सिब्बल की मांग के बाद सुप्रीम काेर्ट ने अंतिम सुनवाई के लिए 12 नवंबर की तारीख तय की.शिवसेना में विभाजन के बाद, चुनाव आयाेग ने शिवसेना का पार्टी चिन्ह धनुष्यबाण और पार्टी का नाम शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट काे दे दिया था. उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयाेग के फैसले पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम काेर्ट में याचिका दायर की है. ठाकरे गुट ने दावा किया है कि चुनाव आयाेग का फैसला अवैध और असंवैधानिक है.इससे पहले, अदालत इस मामले पर कुछ प्रारंभिक सुनवाई कर चुकी है और अब सुनवाई अंतिम चरण में पहुंच रही है.
बुधवार काे न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ के समक्ष सुनवाई शुरू हाेते ही ठाकरे गुट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बहस शुरू कर दी. सिब्बल ने तत्काल सुनवाई की मांग की. उन्हाेंने अदालत से कहा, स्थानीय निकाय चुनाव जनवरी में हाेने वाले हैं, इसलिए इस मामले की सुनवाई जल्द से जल्द हाेनी चाहिए.जब सिब्बल बहस कर रहे थे, तब एक अन्य वकील बार- बार हस्तक्षेप कर रहे थे, इसलिए उन्हें राेक दिया गया.उन्हाेंने अदालत के समक्ष ज़ाेर देकर कहा, काफी समय ीत चुका है, अब इसे सुनें. सिब्बल ने इस बहस के लिए कम से कम 45 मिनट का समय मांगा. इस पर अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख तय कर दी. अब इस मामले पर अंतिम बहस 12 और 13 नवंबर काे हाेने की संभावना है.
इस बीच, उद्धव ठाकरे गुट ने जुलाई में ही अदालत में एक याचिका दायर कर शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह काे लेकर विवाद पर जल्द फैसला की मांग की थी.14 जुलाई काे सुप्रीम काेर्ट में सुनवाई हुई थी. इस सुनवाई के दाैरान, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस बागची की बेंच ने स्पष्ट किया था कि मुख्य याचिका पर सुनवाई करना उचित हाेगा और अगस्त में इस पर सुनवाई हाेगी. हालांकि, राष्ट्रपति-राज्यपाल विवाद मामले के कारण सुनवाई में देरी हुई. अब आज, अंतिम फैसले के लिए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस बागची की बेंच के समक्ष सुनवाई हुई, लेकिन अब इसे स्थगित कर दिया गया है.