पुणे, 11 नवंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) ऑपरेशन सद्भावना के तहत, भारतीय सेना ने जम्मू और कश्मीर के सीमावर्ती जिलों राजौरी और पुंछ के 20 छात्रों और 4 शिक्षकों के लिए एक राष्ट्रीय एकता यात्रा (एनआईटी) का आयोजन किया है. व्हाइट नाइट कोर के मार्गदर्शन में ऐस ऑफ स्पेड्स डिवीजन द्वारा आयोजित यह यात्रा 3 से 14 नवंबर तक आयोजित की जा रही है. इसका उद्देश्य छात्रों को देश की विविधता और विकास का प्रत्यक्ष अनुभव कराना और राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ाना है. यह यात्रा 3 नवंबर को ध्वजारोहण समारोह के बाद राजौरी से शुरू हुई और इसमें पुणे, नासिक और अहिल्यानगर शहर शामिल हैं. इस दौरे के दौरान, छात्रों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए), सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय (एएफएमसी), बख्तरबंद कोर केंद्र एवं विद्यालय, आर्टिलरी विद्यालय, सिम्बायोसिस अंतर्राष्ट्रीय वेिशविद्यालय और आईएलएस लॉ कॉलेज जैसे प्रतिष्ठित रक्षा एवं शैक्षणिक संस्थानों का भ्रमण करने का अवसर मिल रहा है. 8 नवंबर को पुणे स्थित दक्षिणी कमान मुख्यालय के अपने दौरे के दौरान, छात्रों ने दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ से बातचीत की. उन्होंने नेतृत्व गुणों, अनुशासन और राष्ट्र निर्माण पर अपने अनुभव छात्रों के साथ साझा किए और उन्हें देश के प्रति निष्ठा, कड़ी मेहनत और सेवा की भावना के साथ अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रोत्साहित किया. इस बातचीत से प्रेरित होकर, कई छात्रों ने सशस्त्र बलों में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की. छात्रों ने दक्षिणी कमान राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का भी दौरा किया. देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों के शौर्य और बलिदान का प्रतीक इस स्मारक ने छात्रों के मन में देशभक्ति की भावना को और प्रबल किया. इस यात्रा ने छात्रों के मन में भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता, निस्वार्थ सेवा और समर्पण के प्रति सम्मान और गौरव की भावना जगाई. इस पहल का उद्देश्य दूर-दराज के क्षेत्रों के छात्रों के क्षितिज को व्यापक बनाना, भारत की तकनीकी और शैक्षिक प्रगति के बारे में उनकी जागरूकता बढ़ाना और राष्ट्र के साथ उनके भावनात्मक बंधन को मजबूत करना है. छात्रों ने इस अनूठे अनुभव के लिए भारतीय सेना के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया और कहा कि यह यात्रा उनके लिए प्रेरणादायक और जीवन बदलने वाली रही. ऑपरेशन सद्भावना, सीमावर्ती और दूरदराज के क्षेत्रों में युवा सशक्तिकरण और राष्ट्रीय एकता के प्रति भारतीय सेना की निरंतर प्रतिबद्धता का प्रतीक है. ऐसी पहलों के माध्यम से, भारतीय सेना देश के विभिन्न हिस्सों में एकता, विकास और राष्ट्र निर्माण के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.