जमुई रेलवे स्टेशन पर शनिवार देर रात एक रूटीन चेकिंग उस समय हाई-प्राेफाइल ऑपरेशन में बदल गई, जब दुरंताे एक्सप्रेस में बैठा एक यात्री अपने बैग काे लेकर संदिग्ध नजर आया.जैसे ही आरपीएफ दानापुर और जीआरपी झाझा की संयुक्त टीम ने उससे पूछताछ शुरू की, मामला सामान्य नहीं बल्कि चाैंकाने वाला निकल आया.सुरक्षा नियंत्रण कक्ष से पहले ही ट्रेन एस्काॅर्ट टीम काे संकेत मिल चुका था कि झाझा में विशेष तलाशी जरूरी है. प्लेटफाॅर्म नंबर 2 पर ट्रेन रुकते ही एस-3 काेच काे टारगेट करते हुए टीमें जांच में जुट गईं.तलाशी के दाैरान अधिकारियाें की नजर एक युवक पर पड़ी, जाे काला पिट्ठू बैग अपनी गाेद से चिपकाए बैठा था.जब उससे बैग के बारे में पूछा गया, ताे वह बड़ी सहजता से बाेलाइसमें किताबें हैं. परंतु उसके हावभाव इतने असामान्य थे कि टीम ने बैग खाेलने का फैसला कर लिया.
जैसे ही चेन खुली, सामने आए नाेटाें के 28 बंडल गिनती के बाद रकम करीब 70 लाख रुपये निकली.इतनी भारी नकदी देखकर जांच टीम भी कुछ क्षण के लिए थम गई.यात्री की पहचान श्यामसुंदर दास के रूप में हुई, जाे दिल्ली के रेगरपुरा, कराेलबाग का रहने वाला है. पूछताछ में उसने बताया कि यह बैग उसे दिल्ली के कराेलबाग स्थित एक मंदिर में सेवक के रूप में काम करने वाले सुखदेव नायक ने दिया था और इसे काेलकाता तक पहुंचाने काे कहा गया था.हालांकि पैसे किसके हैं, क्याें भेजे जा रहे थे और असली मालिक काैन हैइन सवालाें पर वह काेई ठाेस जवाब नहीं दे पाया.इतनी बड़ी कैश रिकवरी के बाद तत्काल आयकर विभाग काे सूचना दी गई. विभाग की टीम अब यह जांच कर रही है कि रकम वैध स्राेत से आई है या किसी अवैध गतिविधि का हिस्सा है.