पाषाण, 26 नवंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) सीएसआईआर-राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनसीएल) द्वारा 25 नवंबर को भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) के लिए पूर्वावलोकन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम आईआईएसएफ से पूर्व राष्ट्रव्यापी आउटरीच गतिविधियों का एक हिस्सा था, जिसका आयोजन 6 से 9 दिसंबर तक पंचकूला-चंडीगढ़ में ‘विज्ञान से समृद्धि : आत्मनिर्भर भारत के लिए' विषय पर किया जाएगा. कार्यक्रम की शुरुआत सीएसआईआर-एनसीएल की वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. वाफिया मसीह के स्वागत भाषण से हुई. उन्होंने महोत्सव के प्रमुख विषयों को रेखांकित किया, जिनमें स्वच्छ ऊर्जा, नीली अर्थव्यवस्था और अन्य प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं. उन्होंने दर्शकों से आईआईएसएफ का हिस्सा बनने का आग्रह किया और छात्रों और विज्ञान के प्रति उत्साही लोगों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया के बारे में बताय सीएसआईआर- एनसीएल की मुख्य वैज्ञानिक डॉ.शैलजा कृष्णमूर्ति ने भी व्याख्यान दिया. उन्होंने छात्रों को प्राकृतिक दुनिया के बारे में मानवीय समझ के विकास की एक आकर्षक यात्रा के बारे में निर्देशित किया,उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे विज्ञान पहियों और घिरनियों जैसे साधारण आविष्कारों से आज की उन्नत तकनीकों तक विकसित हुआ है. उन्होंने आधुनिक वैज्ञानिक युग के प्रभाव विशेष रूप से सर आइज!क न्यूटन के परिवर्तनकारी योगदानों के बारे में बात की, जिनके कार्य ने एक महत्वपूर्ण मोड़ लाकर शास्त्रीय यांत्रिकी की नींव रखी. डॉ. कृष्णमूर्ति ने प्रदर्शित किया कि क्वांटम यांत्रिकी कैसे दैनिक जीवन को प्रभावित करती है और छात्रों को क्वांटम सिद्धांतों पर आधारित उन्नत अनुप्रयोगों से परिचित कराया. इस कार्यक्रम में कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों ने भाग लिया और वैज्ञानिकों के साथ एक संवाद सत्र में सक्रिय रूप से भाग लिया. इस कार्यक्रम में लाइव प्रदर्शन और चर्चा शामिल थी, जिससे छात्रों को वैज्ञानिक अवधारणाओं की अपनी समझ को गहरा करने और एक उत्साहजनक शिक्षण वातावरण में विशेषज्ञों के साथ जुड़ने का अवसर मिला.