वायु प्रदूषण पर कार्रवाई हेतु समिति गठित

30 Nov 2025 21:26:41
 

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बाॅम्बे उच्च न्यायालय ने शुक्रवार काे कहा कि खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) से निपटने में कुछ समय लगेगा, लेकिन यदि दिशानिर्देशाें का सख्ती से पालन किया जाए ताे शहर में निर्माण गतिविधियाें से हाेने वाले प्रदूषण से निपटा जा सकता है. मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गाैतम अंखड की पीठ ने निर्माण स्थलाें का निरीक्षण करने और यह पता लगाने के लिए कि दिशानिर्दे शाें का पालन किया जा रहा है या नहीं, बृहन्मुंबई मनपा, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बाेर्ड (एमपीसीबी) और राज्य सरकार के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियाें वाली एक स्वतंत्र पांच सदस्यीय समिति का गठन किया. मुंबई में बिगड़ती वायु गुणवत्ता पर चिंता जताने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने बीएमसी और एमपीसीबी काे निर्देश दिया कि वे पिछले साल उठाए गए कदमाें के बारे में 15 दिसंबर तक कार्रवाई रिपाेर्ट पेश करें.
 
याचिकाकर्ताओं के वकीलाें ने बताया कि देश की वित्तीय राजधानी में एक्यूआई 2023 से हर साल बिगड़ रहा है.न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर ने कहा कि इस मुद्दे से निपटने में कुछ समय लगेगा. अदालत ने कहा, इसमें कुछ समय लगेगा.दिल्ली 15 साल से ज़्यादा समय से संघर्ष कर रही है. दरअसल, मुंबई काे कुछ लाभ हैं.मुंबई में यह किया जा सकता है. न्यायालय ने वायु प्रदूषण के मुद्दे से निपटने के लिए पिछले वर्ष बीएमसी और एमपीसीबी द्वारा उठाए गए कदमाें पर कार्रवाई रिपाेर्ट भी मांगी. इसमें कहा गया है कि निर्माण स्थलाें पर विशेष दस्ताें के दाैरे, सीसीटीवी कैमरे लगाने और सेंसर आधारित वायु प्रदूषण माॅनिटर लगाने के रिकाॅर्ड, जिनके लिए बीएमसी ने अनुमति दी है, जांच के लिए खुले रहेंगे.पीठ ने टिप्पणी की, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि निर्माण स्थलाें और धूल प्रदूषण से निपटा जाए. यह एक से दाे सप्ताह में तुरंत किया जा सकता है.
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