चने की दाल में माैजूद कैल्शियम हड्डियाें काे मजबूत बनाकर ऑस्टियाेपाेराेसिस के खतरे काे भी कम करता है.चने की दाल में विटामिन बी1, बी2, विटामिन बी3 और विटामिन बी9 भरपूर मात्रा में हाेते हैं. इसके अलावा इसमें विटामिन ए, सी और ई भी पाया जाता है. इसमें फाइबर की मात्रा अधिक हाेती है, जाे पेट काे लंबे समय तक भरा हुआ महसुस करती है, जिससे आप अधिक खाने से बच जाते हैं और धीरे-धीरे वजन कम हाेने लगता है.इसके सेवन से कब्ज की समस्या भी दूर हाेती है. इस दाल में जिंक, कैल्शियम, प्राेटीन, फाेलेट आदि हाेते हैं, जिससे शरीर काे ऊर्जा मिलती है. चना दाल में प्राेटीन भरपूर मात्रा में हाेता है, जाे इम्युन सिस्टम काे मजबूत बनाता है. इस दाल में माैजूद कैल्शियम हड्डियाें काे मजबूत बनाने में सहायता करता है. इसके नियमित सेवन से ऑस्टियाेपाेराेसिस का खतरा भी कम हाेता है. चने की दाल में पाया जाने वाला फाइबर डायबिटीज काे नियंत्रण में रखता है. इसमें पाए जाने वाला प्राेटीन शरीर काे मजबूत बनाकर माैसमी बीमारियाें काे हाेने से राेकता है. इसमें फाइबर और पाेटेशियम के साथ घुलनशील फाइबर भी हाेता है, जाे दिल की बीमारियाें के खतरे काे कम करता है.इसके लिए प्रतिदिन गाय के दूध के साथ एक बार अथवा दाे बार (सुबहशाम) अश्वगंधा लें. मात्रा 5 ग्राम. अच्छा टाॅनिक साबित हाेगा.