मुंबई, 7 नवंबर (वि.प्र.) भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्लुएफआई) ने प्रो रेसलिंग लीग (पीडब्लूएल) की जनवरी 2026 में वापसी की आधिकारिक घोषणा कर दी है, जो कई सालों के अंतराल के बाद भारतीय कुश्ती को एक नई शुरुआत देने के लिए तैयार है. इस बार लीग का आयोजन पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए डब्लुएफआई की प्रत्यक्ष निगरानी में किया जाएगा. इस बार कुल छह फ्रेंचाइजी टीमें हिस्सा लेंगी, और हर टीम में नौ पहलवान होंगे पाँच भारतीय और चार विदेशी खिलाड़ी. लीग की सबसे खास बात महिला खिलाड़ियों की भागीदारी और उनके लिए पेशेवर अवसरों को बढ़ाना है; प्रत्येक टीम में 53 किग्रा, 57 किग्रा, 62 किग्रा और 76 किग्रा वर्गों की चार महिला पहलवानों को शामिल किया जाएगा. पीडब्लूएल के सीओओ सुमित दुबे ने कहा कि लीग की बुनियाद पेशेवरता, अवसर और विस्तार पर रखी जा रही है, जिसका लक्ष्य एक ऐसा संगठित खेल तंत्र तैयार करना है जो खिलाड़ियों के विकास को बढ़ावा दे. विशेषज्ञों का मानना है कि पीडब्लूएल कुश्ती के लिए वही मंच प्रदान कर सकती है, जो आईपीएल ने क्रिकेट के लिए किया, जिससे खिलाड़ी राष्ट्रीय सितारे बनेंगे और कुश्ती देश के हर घर का खेल बन जाएगा. गीता फोगाट, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट जैसी चैंपियनों की सफलता से प्रेरित होकर आज देशभर में युवा लड़कियाँ कुश्ती को अपना रही हैं, जिन्हें यह लीग एक बड़ा मंच देगी.