सातारा जिला अस्पताल विशाखा समिति की दो साल की रिपोर्ट तुरंत प्रस्तुत करे

08 Nov 2025 14:01:16

 
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मुंबई, 7 नवंबर (आ.प्र.)

विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोऱ्हे ने फलटण तहसील में डॉ. संपदा मुंडे की आत्महत्या मामले को गंभीरता से लिया है. उन्होंने सातारा जिला अस्पताल प्रशासन को पिछले दो वर्षों की विशाखा समिति की रिपोर्ट तुरंत प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने सातारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय को इस मामले में समय पर आरोप-पत्र दाखिल करने का भी आदेश दिया. इस मामले की कार्यवाही की समीक्षा के लिए एक बैठक आयोजित की गई. फलटण उप-जिला अस्पताल के अधीक्षक धुमाल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, डॉ. संपदा मुंडे एक संविदा चिकित्सा अधिकारी थीं. अस्पताल में उनके सभी सहयोगियों के साथ उनके अच्छे संबंध थे. उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं थी. पोस्टमॉर्टम विभाग में उनके साथ दो महिला डॉक्टर कार्यरत हैं और उनके काम में कोई दबाव नहीं है. उन्होंने यह भी बताया कि अस्पताल का लगभग 50 प्रतिशत स्टाफ महिलाएं हैं. जिला शल्य चिकित्सक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पुलिस विभाग ने अस्पताल को कुछ रिपोर्ट सौंपी थीं. समिति ने इस पर जांच की. हालांकि, यह स्पष्ट किया गया कि कोई विभागीय जांच नहीं की गई थी. इस पृष्ठभूमि में, डॉ. गोऱ्हे ने निर्देश दिया कि सातारा जिला अस्पताल अपने अधिकार क्षेत्र के सभी अस्पतालों की दो वर्षीय विशाखा समिति रिपोर्ट तैयार करके प्रस्तुत करे. सभी एजेंसियां समन्वय से काम करें ताकि जांच में कोई ढिलाई न हो और संबंधितों को न्याय मिले. इसके अलावा, पुलिस विभाग को आधारहीन सूचनाओं के प्रसार को रोकने के लिए केवल आधिकारिक बुलेटिन के माध्यम से ही जानकारी प्रकाशित करनी चाहिए.
 
डॉ. गोऱ्हे द्वारा दिए गए निर्देश

विशाखा समिति के कामकाज के लिए एक स्पष्ट मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की जानी चाहिए. समिति की तिमाही रिपोर्ट विधि एवं न्याय विभाग को प्रस्तुत की जानी चाहिए. पोस्टमार्टम और प्रसूति विभाग के डॉक्टरों पर कोई दबाव न पड़े इसलिए उनके मार्गदर्शन के लिए एक हेल्प डेस्क स्थापित किया जाना चाहिए.  
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