स्थानीय निकाय चुनावाें के प्रचार का आखिरी रविवार था. इसलिए रविवार काे राज्य के जिलाें में चुनावी जंग देखने काे मिली. राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सांगली, काेल्हापुर, साेलापुर जिलाें में चुनावी सभाएं की.मुख्यमंत्री फडणवीस ने अक्कलकाेट नगर परिषद के लिए भी बैठक की. काेल्हापुर जिले के चांदगढ़ में भाजपा अलगथलग पड़ गई है क्याेंकि दाेनाें राष्ट्रवादी एक साथ आ गए हैं.शिंदे की शिवसेना भी अलग से चुनाव लड़ रही है. इसलिए अलगथलग पड़ी भाजपा के लिए रविवार काे मुख्यमंत्री ने खुद चांदगढ़ में प्रचार किया. इसके साथ ही महायुति के प्रचार के लिए सांगली जिले में जयंत पटेलके गढ़ उरुन ईश्वरपुर में भी मुख्यमंत्री की एक सभा हुई. दूसरी ओर, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी काेंकण में प्रचार किया. पूरे राज्य का ध्यान सिंधुदुर्ग में महायुति के शिमगा पर केंद्रित था इससे पहले, उन्हाेंने दाेपहर में रत्नागिरी जिले के चिपलून और लांजा में भी सभाएँ की. इस बीच, राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पुणे जिले का दाैरा किया. उनकी दाैंड, इंदापुर, मालेगांव और बारामती में सभाएँ थी.
कांग्रेस के नाना पटाेले ने भंडारा में प्रचार किया, जबकि जयंत पाटिल सांगली जिले के उरुन ईश्वरपुर में एक चुनावी सभा की. 2 दिसंबर काे स्थानीय निकाय चुनावाें का एक महत्वपूर्ण दाैर शुरू हाेने वाला है, जिसमें 246 नगर परिषदाें और 42 नगर पंचायताें के लिए मतदान हाेना है, जाे सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित त्रि-स्तरीय प्रक्रिया का पहला चरण है. चुनावाें के लिए प्रचार की अवधि 1 दिसंबर रात 10 बजे तक बढ़ा दी गई थी. वाेटाें की गिनती 3 दिसंबर काे हाेगी. राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे द्वारा 4 नवंबर काे चुनाव कार्यक्रम की घाेषणा के बाद आदर्श आचार संहिता लागू हाे गई. चुनाव इन स्थानीय निकायाें में 6,859 सदस्याें और 288 अध्यक्षाें के भाग्य का फैसला करेंगे, जिसमें 1.07 कराेड़ से अधिक पात्र मतदाता 13,355 मतदान केंद्राें पर अपने मताधिकार का प्रयाेग करेंगे. अधिकारियाें ने कहा कि इलेक्ट्राॅनिक वाेटिंग मशीनें तैनात की जाएंगी, और 66,000 से अधिक कर्मचारियाें काे चुनाव के सुचारू संचालन काे सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया जाएगा. कुल सीटाें में से 3,492 महिलाओं के लिए, 895 अनुसूचित जातियाें के लिए, 338 अनुसूचित जनजातियाें के लिए और 1,821 अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हैं.