सिद्धि राष्ट्रपति कांस्य पदक जीतने वाली पहली महिला कैडेट

02 Dec 2025 14:07:01

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पुणे, 1 दिसंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

जब सिद्धि जैन ने आईआईटी में मिला प्रवेश रद्द कर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी को चुनने का निर्णय लिया, तब उसने हवाई सेना में करियर बनाने के अपने सपने को प्राथमिकता दी. अपने दूसरे ही प्रयास में उसने एनडीए की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की. रविवार को वह 149वें कोर्स में राष्ट्रपति का कांस्य पदक प्राप्त करने वाली पहली महिला कैडेट बनी. खेत्रपाल स्टेडियम के प्रतिष्ठित ड्रिल स्क्वायर पर, वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों, गर्वित माता-पिता और सैकड़ों मार्च करते कैडेट्स की उपस्थिति में सिद्धि को यह पदक तीन वर्ष की कठोर ट्रेनिंग, निरंतर अनुशासन और पुरुष कैडेट्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रतिस्पर्धा करने के बाद मिला. इसके साथ ही, उसे सर्वश्रेष्ठ ऑल-राउंड एअर कैडेट का सम्मान भी प्राप्त हुआ, जो उसकी शैक्षणिक दक्षता, मैदानी प्रदर्शन, नेतृत्व क्षमता और सेवा भावना का प्रमाण है. उत्तरप्रदेश के उझानी की रहने वाली है सिद्धि सिद्धी उत्तर प्रदेश के उझानी की रहने वाली है और कई सैन्य परिवारों की तरह वह भी पीढ़ियों से शिक्षित और अनुशासित वातावरण वाले परिवार से आती है. उसकी मां, तृप्ति जैन, ने कहा कि सिद्धी देशभर की लड़कियों के लिए प्रेरणा बनी है. उसने साबित किया है कि अवसर मिलने पर महिलाएं कुछ भी हासिल कर सकती हैं. सिद्धी वर्दी पहनने का सपना देखने वाली अनगिनत लड़कियों के लिए एक आदर्श बन गई है. सिद्धी अपने प्रशिक्षण के अंतिम चरण के लिए डुंडीगल स्थित हवाई सेना अकादमी (एएफए) जाएगी. इसके बाद उसकी नियुक्ति भारतीय हवाई सेना में की जाएगी. वह केवल पदक ही नहीं बल्कि आने वाले वर्षों तक लड़कियों को प्रेरित करने वाली विरासत भी साथ ले जाएगी.  
 
जीवन का सर्वोच्च क्षण : सिद्धि जैन

सिद्धी के लिए यह क्षण पदक से भी ज्यादा भावुक था. उसने कहा, मैंने पहले एनआईटी में प्रवेश लिया था, लेकिन जब मेरा नाम एनडीए की मेरिट लिस्ट में आया, तो मैंने इंजीनियरिंग के स्थान पर एनडीए को चुना. मेरे भीतर की आवाज ने मुझे यहां तक पहुंचाया. पुरस्कार ग्रहण करते हुए वहां खड़ा होना अवेिशसनीय था. मैंने ऐसा क्षण कभी कल्पना में भी नहीं सोचा था. उस समय मन में बहुत से विचार आ रहे थे और मैं केवल कृतज्ञ महसूस कर रही थी.  
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