छत्तीसगढ़ में लगातार सामने आ रहे कथित धर्मांतरण के मामलाें ने सामाजिक माहाैल काे गर्मा दिया है. इसी मुद्दे काे लेकर बुधवार काे सर्व हिन्दू समाज और छत्तीसगढ़ सर्व समाज के संयुक्त आह्वान पर प्रदेशव्यापी बंद बुलाया गया, जिसका असर कई जिलाें में साफ ताैर पर देखने काे मिला. बाजार बंद रहे, व्यापारिक गतिविधियां ठप पड़ी रहीं और आम जनजीवन आंशिक रूप से प्रभावित हुआ. बंद के दाैरान विभिन्न सामाजिक संगठनाें ने शांतिपूर्ण तरीके से विराेध दर्ज कराया और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की. वहीं, किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन भी पूरे दिन अलर्ट माेड पर नजर आया. काेंडागांव जिले में बंद का सबसे ज्यादा असर देखने काे मिला. व्यापारियाें ने स्वेच्छा से अपनी दुकानें बंद रखकर आंदाेलन काे समर्थन दिया. आमाबेड़ा और काेंडागांव में सामने आई घटनाओं काे लेकर आदिवासी समाज में खासा आक्राेश है.
सर्व आदिवासी समाज और हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने बाइक रैली निकालकर लाेगाें से बंद काे सफल बनाने की अपील की. रैली के दाैरान नारेबाजी भी की गई, हालांकि स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्ण रही. प्रशासन ने संवेदनशील इलाकाें में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया. मुंगेली जिले में बंद का असर सबसे स्पष्ट नजर आया. यहां नगर पूरी तरह बंद रहा और सभी प्रमुख बाजार, दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान नहीं खुले. बंद काे देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस पूरी तरह सतर्क रही. अधिकारियाें ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता है और किसी काे भी शांति भंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. फिलहाल, बंदशांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हाेने की खबर है, लेकिन धर्मांतरण के मुद्दे काे लेकर समाज में व्याप्त नाराजगी ने एक बार फिर राज्य की राजनीति के सामने सवाल खड़ा किया है.