काेविड के बाद दिल की बीमारी बढ़ी: डाॅ्नटराें का दावा

27 Dec 2025 21:53:36
 
 

Heart 
भारत में वायु प्रदूषण काेविड-19 महामारी के बाद सबसे बड़ा स्वास्थ्य संकट बन चुका है. ब्रिटेन में काम करने वाले भारत के कई सीनियर डाॅक्टराें ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में यह दावा किया है.डाॅक्टराें ने कहा कि आने वाले सालाें में प्रदूषण से लाेगाें की सेहत और देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर लंबे समय तक असर पड़ेगा. डाॅक्टराें ने चेतावनी दी है कि अगर तत्काल और ठाेस कदम नहीं उठाए गए, ताे यह समस्या हर साल और गंभीर हाेती जाएगी.डाॅक्टराें ने कहा कि पिछले 10 सालाें में हृदय राेगाें में बढ़ाेतरी काे अक्सर माेटापे से जाेड़ा गया, लेकिन इसमें काराें और विमानाें से निकलने वाले जहरीले तत्वाें की बड़ी भूमिका है. इंग्लैंड स्थित लिवरपूल में कंसल्टेंट पल्माेनाेलाॅजिस्ट (फेफड़ाें के डाॅक्टर) और भारत सरकार की काेविड- 19 एडवाइजरी कमेटी के पूर्व सदस्य मनीष गाैतम ने कहा कि वायु प्रदूषण पर सरकार का नया फाेकस जरूरी है, लेकिन इसमें काफी देरी हाे चुकी है.
 
गाैतम के पास यूके की नेशनल हेल्थ में 20 सालाें से ज्यादा का अनुभव है. मनीष गाैतम कहते हैं- भारत में प्रदूषण नियंत्रण और राेकथाम के लिए महत्वपूर्ण कदम पहले से माैजूद हैं, लेकिन वे अब इसे राेक पाने के लिए अपने आप में काफी नहीं हैं. उत्तर भारत में रहने वाले लाखाें लाेगाें में नुकसान पहले ही हाे चुका है. जाे इलाज हाे रहा है, वह समस्या का केवल एक छाेटा हिस्सा है. लंदन के सेंट जाॅर्ज यूनिवर्सिटी हाॅस्पिटल में कार्डियाेलाॅजिस्ट (हृदय राेग विशेषज्ञ) राजय नारायण ने कहा कि वायु प्रदूषण से हृदय, सांस, न्यूराेलाॅजिकल और अन्य बीमारियाें के बीच संबंध काे लेकर पर्याप्त वैज्ञानिक प्रमाण माैजूद हैं. उन्हाेंने चेतावनी दी कि कार्रवाई में देरी से स्वास्थ्य और आर्थिक बाेझ बढ़ेगा.नारायण ने कहा कि सिरदर्द, थकान, हल्की खांसी, जैसे शुरुआती लक्षण अक्सर मामूली समझकर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं,
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