पुणे, 9 मार्च (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
करीब 110 वर्ष पहले आचार्य भगवंत पंजाब केसरी विजय वल्लभ सूरीश्वरजी ने जैन समाज में शिक्षा का विचार प्रस्तुत किया. चूंकि यह विचार धार्मिक कार्यों से भिन्न था, इसलिए उस समय जैन समाज ने इसका विरोध किया. लेकिन फिर भी अपने विचारों पर अडिग रहते हुए आचार्य भगवंत पंजाब केसरी विजय वल्लभ सूरीश्वरजी ने पूरे भारत में जैन समाज को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा. यह विचार पद्मश्री नित्यानंद सूरीश्वरजी ने व्यक्त किए. वे श्री महावीर जैन विद्यालय द्वारा निर्मित 400 छात्रों की क्षमता वाले भव्य और आधुनिक जेएम फाइनेंशियल फाउंडेशन छात्रावास भवन के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे. इस अवसर पर फोर्स मोटर्स लिमिटेड और अमर प्रेरणा ट्रस्ट के चेयरमैन डॉ. अभय फिरोदिया उपस्थित थे. यह छात्रावास डेक्कन जिमखाना बीएमसीसी कॉलेज के पास बनाया गया है. कार्यक्रम के दौरान जेएम फाइनेंशियल ग्रुप के चेयरमैन और जेएम फाइनेंशियल ट्रस्ट के ट्रस्टी नीमेश कंपानी, धारीवाल उद्योग समूह के प्रबंध निदेशक प्रकाश धारीवाल, प्रसिद्ध कर सलाहकार हर्षा शाह, चार्टर्ड अकाउंटेट राजेश भोगीलाल, व्यवसायी सुहास मर्चें ट, उद्योगपति दीपक शाह, डॉ. मीरा और जसवंत मोदी एवं अन्य प्रमुख दानदाताओं को सम्मानित किया गया. दानदाताओं की ओर से नीमेश कंपानी ने अपने विचार व्यक्त किए.

साथ ही, श्री महावीर जैन विद्यालय के जेएम फाइनेंशियल फाउंडेशन छात्रावास भवन के निर्माण में योगदान देने वाले आर्किटेक्ट्स औेर इंजीनियर्स का भी सम्मान किया गया. कार्यक्रम में श्री महावीर जैन विद्यालय के 110 वर्षों के गौरवशाली इतिहास को संजोने वाली पुस्तिका का भी विमोचन किया गया. इस अवसर पर पद्मश्री नित्यानंद सूरीश्वरजी ने कहा कि अहमदाबाद, सूरत, बड़ौदा, पुणे आदि स्थानों पर स्थापित महावीर जैन विद्यालय केवल सांसारिक शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थान नहीं हैं, बल्कि जैन समाज की मूल्य परंपराओं और शिक्षाओं को आगे बढ़ाने वाले महत्वपूर्ण केंद्र हैं. आचार्य विजय वल्लभजी ने हमेशा प्रगतिशील विचारों को अपनाया महावीर जैन विद्यालय के शिक्षार्थियों के जीवन में आए बदलावों ने इन संस्थानों को मातृसंस्था का दर्जा दिलाया है. यहां से शिक्षित हुए छात्र आज धर्म, प्रशासन और राष्ट्र के स्तंभ बन गए हैं. आचार्य विजयवल्लभ सूरीश्वरजी ने हमेशा प्रगतिशील विचारों को अपनाया. भले ही तत्कालीन समाज ने उनके विचारों का विरोध किया, लेकिन समाज के सर्वांगीण विकास के लिए वे निरंतर प्रयासरत रहे. उनकी दूरदृष्टि के कारण ही आज जैन समाज में शिक्षा का प्रतिशत बढ़ा है और यह समाज समृद्ध होकर समाजसेवा में योगदान दे रहा है.
आधुनिक शिक्षा को अपनाना जरूरी ः डॉ. अभय फिरोदिया
फोर्स मोटर्स लिमिटेड और अमर प्रेरणा ट्रस्ट के चेयरमैन डॉ. अभय फिरोदिया ने कहा कि हमें धर्म, परंपराओं और आधुनिक शिक्षा का संतुलन बनाए रखना चाहिए. धर्म केवल रीति-रिवाजों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मूल्यों में आस्था बढ़ाने की संकल्पना है. बौद्ध और जैन धर्म जैसे सभी धर्मों का मूल आधार एक ही है. भारतीय परंपराओं में जैन धर्म की मूल्यपरंपरा सबसे श्रेष्ठ है और इसकी विरासत अति प्राचीन व मौलिक है. इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों, दानदाताओं और ट्रस्टियों ने श्री महावीर जैन विद्यालय के जेएम फाइनेंशियल फाउंडेशन छात्रावास भवन का अवलोकन किया और इसके विभिन्न कक्षों का उद्घाटन किया. प.पू. आचार्य भगवंत गच्छाधिपति ने भी इस अवसर पर मार्गदर्शन किया. श्री महावीर जैन विद्यालय के अध्यक्ष सुधीर मेहता ने अहमदाबाद, बड़ौदा, भावनगर, पुणे और मुंबई स्थित महावीर जैन विद्यालय की शाखाओं का परिचय देते हुए भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी. प्रास्ताविक सचिव युवराज शाह ने किया, सूत्रसंचालन हसमुख गुंदेचा ने किया और वेिशस्त राजेश शाह ने आभार व्यक्त किया.
भविष्य में छात्राओं के लिए होस्टल बनाया जाएगा
श्री महावीर जैन विद्यालय परिसर में आगामी समय में छात्राओं के लिए एक छात्रावास भी बनाया जाएगा, जिसके लिए 50 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की आवश्यकता होगी. इस उद्देश्य से, श्री महावीर जैन विद्यालय निधि उगाही समिति के चेयरमैन कल्पेश शाह ने समाज से सहयोग की अपील की.