कला सार्वभौमिक है और इसमें सुखी जीवन का आनंद समाहित

प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक डॉ. जब्बार पटेल के विचार ः एमआईटी एडीटी का ‌‘पर्सोना फेस्टिवल‌’ उत्साह से शुरू

    13-Mar-2025
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लोनी कालभोर, 12 मार्च (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
कला सार्वभौमिक है. उसे किसी एक ढांचे में सीमित नहीं किया जा सकता. कला लोगों को सामाजिक रूप से जीवित रखती है. कला ही वह चीज है जो व्यक्ति को सुखी, समृद्ध और आनंदमय जीवन जीने के लिए मजबूर करती है. इसलिए, प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक जब्बार पटेल ने राय व्यक्त की कि छात्रों को पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ कोई कला भी सीखनी चाहिए. वह एमआईटी स्कूल ऑफ आर्ट, डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी (एडीटी) में वर्ष के सबसे बड़े कला महोत्सव, सातवें ‌‘पर्सो ना फेस्ट-25‌’ के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे. इस अवसर पर कांची वेिशविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. एन. जयशंकरन, उषाताई वेिशनाथ कराड, एमआईटी एडीटी वेिशविद्यालय के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. डॉ. मंगेश कराड, कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. सुनीता कराड, वेिशविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. राजेश एस., प्र. कुलपति डॉ. रामचंद्र पुजारी, डॉ. मोहित दुबे, रजिस्ट्रार डॉ. महेश चोपड़े, कार्यक्रम समन्वयक प्रो. डॉ. सुदर्शन सानप, डॉ. विपुल दलाल, डॉ. रेणु व्यास, डॉ. सूरज भोयर और अन्य उपस्थित थे.
 
अपने भाषण में डॉ. जयशंकरन ने छात्रों के समग्र विकास में कला के महत्व पर प्रकाश डालते हुए अध्यात्म और दर्शन की आवश्यकता समझाई. उन्होंने यह भी कहा कि पर्सोना जैसे उत्सवों का नई शिक्षा नीति (एनईपी) में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है. प्रो. डॉ. मंगेश कराड ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए अपनी दैनिक आवश्यकताओं के साथ-साथ शौक विकसित करना भी बहुत जरूरी है. इसलिए वेिशविद्यालय द्वारा हर वर्ष मपर्सोना फेस्टफ का आयोजन किया जाता है,
 
ताकि न केवल उन्हें शिक्षा प्रदान की जा सके, बल्कि कलाकार, गायक, चित्रकार, कवि आदि के रूप में उनकी रुचि को प्रोत्साहित किया जा सके, उसके माध्यम से उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास किया जा सके. कार्यक्रम की शुरुआत वेिश शांति के लिए प्रार्थना के साथ हुई. कार्यक्रम का समापन पसायदान के साथ हुआ. कुलपति डॉ. राजेश एस. ने प्रस्तावना रखी. स्कूल आर्किटेक्चर की डॉ. अेिशनी पेठे ने आभार व्यक्त किया. विश्वबाग परिसर को सजाया गया पर्सोना फेस्ट के लिए वेिशराज बाग परिसर को खूबसूरती से सजाया गया है. छात्रों में बहुत उत्साह है. अगले तीन दिनों तक चलने वाले इस कला महोत्सव में मराठी और हिंदी कला जगत की कई हस्तियां जिनमें अभिनेता, अभिनेत्रियां, गायक और निर्देशक शामिल होंगे.