धारा 498 (ए) के तहत तत्काल गिरफ्तारी नहीं हो सकती

वरिष्ठ एड. भालचंद्र धापटे ने पारिवारिक हिंसा के मामले में दी महत्वपूर्ण कानूनी सलाह

    16-Mar-2025
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विवाह और पारिवारिक जीवन कई चुनौतियों से भरा होता है. कभी-कभी परिस्थितियां इतनी जटिल हो जाती हैं कि कानूनी सहायता की आवश्यकता पड़ती है. भारतीय कानून में विवाह, तलाक, घरेलू हिंसा और आपराधिक मामलों से संबंधित विभिन्न धाराएं हैं, जो पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाने में मदद करती हैं. शादीशुदा जीवन, तलाक, घरेलू हिंसा, तथा दहेज उत्पीड़न आदि के बारे में एड. भालचंद्र धापटे ने दै.‌आज का आनंद से बातचीत की. प्रस्तुत हैं उनसे बातचीत के प्रमुख अंश
 
प्रश्न:मैं सरकारी नौकरी में हूं और मेरी शादी को तीन साल हो गए हैं. मेरी पत्नी किसी न किसी कारण से मुझसे लगातार लड़ती रहती है. पत्नी के मामा भी सरकारी अधिकारी हैं. मेरी पत्नी मुझे लगातार धमकी देती है कि वह मेरे खिलाफ 498 का मामला दर्ज करवा देगी और मुझे और मेरे परिवार को झूठे मामले में फंसा देगी. यदि मेरी पत्नी ऐसा मामला दर्ज कराती है तो क्या मुझे नौकरी से निलंबित कर दिया जाएगा? क्या हमें गिरफ्तार किया जाएगा?

उत्तर :
धारा 498 ए के तहत तुरंत गिरफ्तारी नहीं की जा सकती, पुलिस को बयान देना अनिवार्य है. इसी तरह, आपको अग्रिम जमानत प्राप्त करने के लिए तुरंत कोर्ट में केस दायर करना चाहिए. अग्रिम जमानत मिलने में आठ से दस दिन का समय लगता है. यदि सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कोई आपराधिक केस दर्ज होता है तो उन्हें निलंबित कर दिया जाता है..

प्रश्न- मैं और मेरे पति दोनों दूसरी शादी कर रहे हैं. कोरोनाकाल में मेरे पति ने मुझसे शादी कर ली, यह कहकर कि वह शादीशुदा हैं, लेकिन लॉकडाउन के दौरान तलाक के कागजात नहीं मिल पाए. हालांकि, मुझे छह महीने बाद पता चला कि उसकी पहली पत्नी ने उसे तलाक नहीं दिया था. जैसे ही मुझे अपने पति की पहली शादी के बारे में पता चला, मैंने तलाक का नोटरीकृत आदेश प्राप्त कर लिया और गांव के पांच लोगों के सामने यह दस्तावेज मुझे दे दिया गया. क्या नोटरी के समक्ष किया गया तलाक कानूनी तलाक है? क्या मैं अब बाल सहायता के लिए दावा दायर कर सकती हूं?

उत्तर :
तलाक नोटरी से नहीं होता. तलाक लेने के लिए आपको कोर्ट जाना पड़ता है. अपने पति की पहली शादी के दस्तावेज प्राप्त करके तथा उसके साथ अपनी शादी की तस्वीरें संलग्न कर पुख्ता सबूतों के आधार पर अपने पति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 494 और 495 के तहत मामला दर्ज कराया जा सकता है. आपके पति की पहली पत्नी भी आपके दावे में भाग ले सकती है.

प्रश्न: मेरी शादी पांच साल पहले हुई थी. मेरा चार साल का बेटा है. मेरे पति प्राइवेट नौकरी करते थे और 28 नवंबर 2019 को काम से वापस नहीं लौटे. हमने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई. तब ससुराल वालों ने कुछ नहीं कहा. लेकिन अब मुझे पता चला कि मेरे पति कर्नाटक के एक गांव में रह रहे हैं. क्या ऐसी स्थिति में तलाक हो सकता है?

उत्तर :
विवाह के बाद साथ रहना पति-पत्नी का कर्तव्य है. ऐसी स्थिति में जहां पति-पत्नी दो वर्ष से अधिक समय से साथ नहीं रह रहे हों, लेकिन यह ज्ञात हो कि वे कहां रह रहे हैं, तलाक दिया जा सकता है, लेकिन इसके लिए अदालत को इस बात का पुख्ता सबूत देना जरूरी है कि वे बिना किसी कारण के साथ नहीं रह रहे हैं.

प्रश्न: मेरा दोस्त शादीशुदा था और उसका तलाक का केस भी चल रहा था. उसने मुझे बताया कि हम तलाक लेने जा रहे हैं, उसके बाद हम ढाई साल तक बिना शादी किए साथ रहे. लेकिन इस दौरान मुझे बहुत पीटा गया. मैं क्या कर सकती हूं?

उत्तर :
आप घरेलू हिंसा का मामला दर्ज करा सकते हैं. घरेलू हिंसा के मामले में विवाह की आवश्यकता नहीं होती. अगर लड़का और लड़की एक ही घर में पति-पत्नी के रूप में एक निश्चित अवधि से रह रहे हैं, तो साथ रहने का प्रमाण देना होगा. विवाह का प्रमाण देना जरूरी नहीं है. आप गुजारा भत्ता मांग सकते हैं.