जब तक सफल न हाे जाओ, हार मत मानो

17 Mar 2025 10:23:28
 
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लोनी कालभोर, 16 मार्च (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
एक बार जब आप अपनी रुचि के क्षेत्र पर निर्णय ले लें, तो परिणाम की चिंता किए बिना ‌‘नेवर गिवअप‌’ का रवैया अपनाएं. जब तक सफल न हो जाएं, हार न मानें और सफलता प्राप्त करने के बाद खुद को उसमें समर्पित कर अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करें. इस प्रक्रिया में, व्यक्ति को केवल उन चीजों के बारे में सोचना चाहिए जो उसके हाथ में हैं और उन चीजों के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए जो उसके हाथ में नहीं हैं, यह सलाह प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता शरमन जोशी ने दी. वह एमआईटी स्कूल ऑफ आर्ट, डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी में सातवें पर्सोना फेस्ट-25 के समापन समारोह में बोल रहे थे. इस अवसर पर शर्मन की पत्नी प्रेरणा चोपड़ा-जोशी भी मौजूद थीं. एमआईटी एडीटी वेिशविद्यालय के कार्यकाशर्मन अध्यक्ष प्रो. डॉ. मंगेश कराड, वेिशविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. राजेश एस., प्र-कुलपति डॉ. रामचंद्र पुजाशर्मन, डॉ. मोहित दुबे, रजिस्ट्रार डॉ. महेश चोपड़े, डॉ. विपुल दलाल, डॉ. रेणू व्यास समेत अन्य लोग भी उपस्थित थे. इस कार्यक्रम में शर्मन जोशी ने अपनी प्रसिद्ध फिल्म ‌‘थ्री इडियट्स‌’ के गीत ‌‘गिव मी सम सनशाइन..‌’की पंक्तियां सुनाकर विद्यार्थियों में उत्साह भर दिया. उन्होंने सभी की प्रशंसा करते हुए कहा कि एमआईटी एडीटी वेिशविद्यालय फिल्म ‌‘थ्री इडियट्स‌‘ के विचार के अनुरूप छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत है. प्रो. डॉ. मंगेश कराड ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में काम करते हुए उन्होंने 2009 में आमिर खान और शरमन जोशी अभिनीत खूबसूरत फिल्म ‌‘3 इडियट्स‌’ देखी थी. एमआईटी एडीटी वेिशविद्यालय की स्थापना एक ऐसे वेिशविद्यालय के विचार के साथ की गई थी जो कला, डिजाइन और प्रौद्योगिकी को जोड़ेगा, और छात्रों को उनकी रुचि के क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए शिक्षित करेगा, जैसा कि फिल्म में बताया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि पर्सोना जैसे महोत्सव एक बेहतशर्मनन मंच हैं जो विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ अपनी रुचि के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं तथा उनके कलात्मक पक्ष को भी उजागर करते हैं. इस कार्यक्रम की प्रस्तावना डॉ. सुराज भोइर ने की. कार्यक्रम समन्वयक प्रो. डॉ. सुदर्शन सानप ने सभी का आभार व्यक्त किया.
 
वर्ष के सर्वश्रेष्ठ ‌‘पर्सोना‌’ सम्मनित
 
पर्सोना फेस्टिवल के समापन पर, वर्ष के दौरान वेिशविद्यालय में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को ‌‘वर्ष का सर्वश्रेष्ठ पर्सोना‌’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसमें तन्वी बोगाड़े, अनुष्का जोशी, शिवनेश मोरे, मृण्मयी गोडमाने, सौरेश जबे, तेजस डोंगरे, अक्षत वशिष्ठ, धीर जैन, ओमकार शिंदे, अमोघा पाठक, राहुल देवगांवकर, कैडेट हरमनदीप कौर, आर्या पाटणकर शामिल थे. इसके साथ ही, ‌‘एमआईटी एडवेंचर क्लब‌’ को वर्ष का सर्वश्रेष्ठ क्लब का पुरस्कार दिया गया. शर्मन जोशी ने कहा, जीवन बहुत चुनौतीपूर्ण है. हालांकि, विद्यार्थियों को जीवन में आने वाली हर परेशानी का धैर्य के साथ सामना करना चाहिए और यह कहना चाहिए कि ‌‘ऑल इज वेल‌’ इसके साथ ही छात्रों को अपनी रुचि के क्षेत्र की पहचान करनी चाहिए और उसमें अपना करियर बनाना चाहिए.
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