सिविल और बंगलो क्षेत्रों के बिल्डिंग बायलॉज में संशोधन होगा

07 Mar 2025 11:55:30
 
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पुणे, 6 मार्च ( आज का आनंद न्यूज नेटवर्क )
 
डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ डिफेन्स इस्टेटस्‌‍ यानि रक्षा संपदा महानिदेशालय (डीजीडीई ) के निर्देशों के बाद, पीसीबी ने अपने नागरिक और बंगला क्षेत्रों के लिए न्यू बिल्डिंग बायलॉज यानि नए निर्माण उपनियम तैयार करने की कवायद शुरू की है. इस कवायद का दायरा इन सीमाओं के भीतर विशेष सैन्य क्षेत्र को शामिल नहीं करता है. यह कदम 2,954 एकड़ भूमि में फैले कैन्टोंन्मेंट क्षेत्रों में निर्माण गतिविधि का भाग्य तय करेगा, जिसमें से कम से कम 250 एकड़ क्षेत्र नागरिक इलाकों (सिविल एरिया ) में हैं. शेष क्षेत्र सैन्य क्षेत्र में है, जिसमें बंगला क्षेत्र भी शामिल है. वास्तव में, खड़की और देहूरोड कैन्टोंन्मेंट बोर्डों के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि वे भी डीजीडीई के निर्दे शों के अनुसार ऐसे न्यू बिल्डिंग बायलॉज यानि नए बिल्डिंग उपनियम तैयार कर रहे हैं. पुणे कैन्टोंन्मेंट बोर्ड के इंजीनियरिंग विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, हमने परियोजना पर प्रारंभिक कार्य शुरू कर दिया है हालांकि, पिछले कई वर्षों से निवासी घरों के निर्माण के लिए 2 एफएसआई सिविल जोन और 1 एफएसआई बंगला क्षेत्रों के लिए मांग कर रहे हैं. आखिरकार, यह सिविल क्षेत्रों में लगभग 2,500 प्रॉपर्टीज का सवाल है, जहां केवल मरम्मत की अनुमति है. इसने आबादी को बुरी तरह प्रभावित किया है क्योंकि लोग प्रतिबंधों के कारण अपने घर का निर्माण या विस्तार नहीं कर सके. कैंप स्थित कार्यकर्ता राजाभाऊ चव्हाण ने यह जानकारी दी.
 
देश की सभी कैन्टोंमेंट में बिल्डिंग निर्माण नियमों का मुद्दा विवादास्पद हो गया है. इस विषय को दूर करने के लिए, केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने भी एक दशक पहले 2015 में सभी कैन्टोंन्मेंट से बिल्डिंग बायलॉज्‌‍ यानि निर्माण नियम का मसौदा (ड्राफ्ट) तैयार करने को कहा था. हालांकि, आज तक उसे मंजूरी नहीं दी है. इस बीच, रक्षा मंत्रालय ने कैन्टोंमेंट में सुधार हेतु सुमित बोस समिति गठित की. पैनल ने स्पष्ट रूप से सिविल क्षेत्रों में आस-पास के मनपा के बराबर एफएसआई देने की सिफारिश की. हालांकि, मंत्रालय ने भी अज्ञात कारणों से उस सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया, कैन्टोंमेंट अधिकारियों ने यह जानकारी दी. डीजीडीई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि, भविष्य में कैटोन्मेंट के सिविल पॉकेट्स का पुणे मनपा की सीमा में विलय न होने की स्थिति में प्लान बी तैयार रखने के लिए उपनियम बनाने की नवीनतम पहल की गई है.
 
यदि विलय को किसी मुद्दे पर राज्य सरकार की मंजूरी नहीं मिलती है, तो हमारे पास लोगों के अनुकूल नया बिल्डिंग बायलॉज होगा. पीसीबी विलय प्रस्ताव में, जो राज्य सरकार के पास लंबित है, सैन्य क्षेत्रों के पास एफएसआई प्रतिबंधों की पहले ही सिफारिश की जा चुकी है, लेकिन एक बार जब आप सिविल पॉकेट्स को मनपा के साथ मिला देते हैं, तो निर्माण अनुमति पर अंतिम फैसला नगर निगमों के पास रहता है. तब सैन्य अधिकारियों के लिए आज की तरह अपनी मजबूत बात रखना मुश्किल होगा. इसलिए, यह मर्जर का विषय मंत्रालय के लिए बहुत ही नाजुक और पेचीदा मुद्दा बन गया है, डीजीडीई के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा.
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