पुणे, 31 मार्च (आ. प्र.)
बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने बढ़ते साइबर खतरों से जनसामान्य की सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए, बड़े पैमाने पर आम जनता को निशाना बनाने वाली धोखाधड़ीपूर्ण गतिि वधियों के प्रति सभी से सतर्क रहने का आग्रह किया है. डिजिटल बैंकिंग के बढ़ते चलन के साथ, साइबर अपराधी निर्दोष व्यक्तियों को धोखा देने और उनके संवेदनशील वित्तीय डेटा को चुराने के लिए नए-नए जटिल तरीके अपना रहे हैं. तेजी से परिवर्तनशील साइबर जोखिमों के परिवेश में आज डिजिटल बैंकिंग में साइबर सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है. अपने ग्राहकों को धोखाधड़ी, उनके डेटा की चोरी और ऑनलाइन घोटालों से बचाना बैंक की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
1. जाली संदेशों से सावधान रहें : धोखेबाज, भ्रामक एसएमएस संदेश भेजते हैं, जिसमें यह दावा किया जाता है कि आपका बैंक खाता ब्लॉक कर दिया गया है और आधार जानकारी को तत्काल अपडेट करने की आवश्यकता है. ये लोगों को उनके गोपनीय वित्तीय विवरण साझा करने के लिए धोखा देने हेतु डिजाइन किया गया स्मिशिंग धोखाधड़ी का एक तरीका हैं. ऐसे संदेशों का कभी भी जवाब न दें या ऐसे किसी लिंक पर क्लिक न करें.
2. अप्रमाणित अझघ फाइलें डाउनलोड करने से बचें : ग्राहकों को कभी भी अज्ञात स्रोतों से झघ (एंड्रॉइड एप्लिकेशन पैकेज) फाइलें डाउनलोड नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इनमें निजी और वित्तीय जानकारी से समझौता करने वाले मेलवेयर हो सकते हैं.
3. अप्रमाणित भुगतान लिंक पर क्लिक करने से बचें : धोखेबाज अक्सर दुर्भावनापूर्ण लिंक वाले संदेश भेजते हैं, जो भुगतान का अनुरोध या तत्काल वित्तीय अलर्ट प्रतीत होते हैं. ऐसे लिंक पर क्लिक करने से वित्तीय डेटा और धन की हानि हो सकती है. कोई भी कार्रवाई करने से पहले हमेशा ऐसे संदेशों की प्रामाणिकता की जांच कर लें.
4. नकली कस्टमर केयर नंबरों से सावधान रहें : साइबर अपराधी अक्सर सर्च इंजन रिजल्ट, अज्ञात वेबसाइट और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों को गुमराह करने के लिए नकली कस्टमर केयर नंबर पोस्ट कर देते हैं. हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट के माध्यम से ही ग्राहक सेवा संपर्क नंबर की जांच करें.