पुणे, 14 अप्रैल (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
मनपा चुनावों को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने नया संगठनात्मक ढांचा तैयार करने की दिशा में कदम उठाया है. इसके बाद, शहर में राजनीतिक रूप से कमजोर हो चुकी कांग्रेस ने भी बूथ स्तर तक संगठन बनाने का निर्णय लिया है. कांग्रेस भी जल्द ही नए युवा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपने का काम शुरू करेगी. विधानसभा चुनाव में भारी जीत के बाद सत्तारूढ़ महायुति में शामिल तीनों दलों ने स्थानीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए अपनी पार्टी के विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया है. यह मानते हुए कि चुनाव दिवाली के बाद होने की संभावना है, तीनों दलों के नेता विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल कर रहे हैं. हालांकि, इस संबंध में विपक्षी मोर्चे पर ज्यादा हलचल नहीं दिख रही है. भाजपा का 10 हजार कार्यकर्ताओं का नेटवर्क भाजपा ने पुणे में पार्टी संगठन को मजबूत करते हुए विस्तार की योजना बनाई है. उन्होंने शहर के 8 विधानसभा क्षेत्रों में वर्तमान 12 मंडलों के स्थान पर 27 मंडलों की स्थापना की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है. आधे मंडलों के अध्यक्षों का चुनाव हो चुका है. शहर में 3 हजार मतदान केन्द्रों (बूथ) के प्रमुखों की नियुक्ति की जा रही है. कुछ जगहों पर मौजूदा बूथ प्रमुखों को दूसरा मौका दिया जा रहा है, जबकि अन्य जगहों पर नए चेहरे चुने जाएंगे. इससे पहले, भाजपा की आंतरिक पार्टी संरचना एक निर्वाचन क्षेत्र के लिए एक या 2 मंडलों की थी. अब एक मंडल को 100 से 120 बूथों के लिए डिजाइन किया जा रहा है. यह जानकारी भाजपा शहर अध्यक्ष धीरज घाटे और महासचिव पुनीत जोशी ने दी. जोशी ने कहा कि सामान्य तौर पर शहर के 8 विधानसभा क्षेत्रों में 27 मंडल होंगे और प्रत्येक मंडल में 100 कार्यकर्ता शामिल होंगे. बूथ रचना भी बनाई जाएंगी. कुल मिलाकर लगभग साढ़े 5 हजार कार्यकर्ताओं का चयन किया जाएगा.
पार्टियां शहर अध्यक्ष बदलेेंगी ?
भाजपा शहर अध्यक्ष धीरज घाटे, जबकि कांग्रेस शहर अध्यक्ष अरविंद शिंदे को फिर से शहर अध्यक्ष बनने का मौका मिलेगा या क्या इस पद पर नए चेहरे होंगे? राजनीतिक हलकों में इसके आगमन को लेकर उत्सुकतापूर्ण चर्चा चल रही है. घाटे ने डेढ़ साल पहले शहर अध्यक्ष का पद संभाला था. अगले महीने भाजपा की नई नगरस्तरीय कार्यकारिणी और पदाधिकारियों की नियुक्ति कर दी जाएगी. घाटे के समर्थक जहां उन्हें दोबारा मौका मिलने की संभावना जता रहे हैं, वहीं पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता कुछ अन्य नामों पर भी चर्चा कर रहे हैं. लोकसभा और विधानसभा चुनाव कांग्रेस में अरविंद शिंदे के नेतृत्व में हुए. हमेशा की तरह, कांग्रेस में दो समूह सक्रिय हैं. इसलिए राजनीतिक हलकों का ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि क्या शिंदे को शहर अध्यक्ष पद पर बरकरार रखा जाएगा या किसी नए स्थानीय नेता को पद दिया जाएगा. मनपा चुनावों के मद्देनजर दोनों प्रमुख दलों का शहर अध्यक्ष कौन होगा, इसका निर्णय एक महीने के भीतर होने की उम्मीद है.
कांग्रेस नए सिरे से पार्टी की स्थिति मजबूत बनाएगी
कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर जिला प्रमुखों को महत्वपूर्ण भूमिका देने का निर्णय लिया है. इस वर्ष संगठन निर्माण पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा. अहमदाबाद में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी. दिल्ली में पार्टी के जिला प्रमुखों की बैठक हुई. इस संबंध में कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने दो बार पुणे का दौरा किया. बूथ स्तर तक नया संगठनात्मक ढांचा तैयार करने का निर्णय लिया गया है. पिछले 10 वर्षों में पुणे शहर में कांग्रेस की ताकत घटती जा रही है. अगर, महाविकास आघाड़ी आगामी मनपा चुनाव एक साथ लड़ती है, तो कांग्रेस को नगरसेवकों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रयास करना होगा. इस दिशा में उनका ध्यान शहरी स्तर पर युवा कार्यकर्ताओं को अवसर प्रदान कर पार्टी की स्थिति को और मजबूत करना होगा.