डेक्कन, 17 अप्रैल (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें पिछले चार वर्षों की तुलना में सबसे निचले स्तर पर होने के बावजूद केंद्र सरकार आम जनता को कोई राहत नहीं दे रही है. पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाते समय अंतर्राष्ट्रीय बाजार का हवाला देने वाली मोदी सरकार अब, जब कीमतें घटाने की बारी आई है, तो चुप्पी साधे बैठी है. एक ओर बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है, वहीं मोदी सरकार पेट्रोल, डीजल और घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतें बढ़ाकर आम लोगों का जीवन मुश्किल बना रही है. सरकार की इस बढ़ती महंगाई की नीति के खिलाफ राष्ट्रवादी कांग्रेस शरदचंद्र पवार पार्टी की ओर से गुडलक चौक पर एल्गार आंदोलन किया गया.
पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाते समय सरकार अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों की ओर इशारा करती है. लेकिन पिछले चार वर्षों की तुलना में अब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें (प्रति बैरल 65.41) न्यूनतम स्तर पर हैं. इसके बावजूद सरकार की ओर से आम जनता को कोई राहत नहीं दी जा रही है. सरकार केवल चुनावी राजनीति में व्यस्त है और चुनाव के समय ही पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने को प्राथमिकता देती है. इतना ही नहीं, गैस सिलेंडर की कीमतों में भी भारी वृद्धि कर दी गई है, जिससे आम लोगों का बजट बिगड़ गया है. रेटिंग एजेंसियों के अनुसार, वर्तमान में तेल कंपनियां पेट्रोल पर प्रति लीटर 12 से 15 रुपए और डीजल पर प्रति लीटर 6.12 रुपए का लाभ कमा रही हैं.
इसके बावजूद, इन कंपनियों ने पिछले एक वर्ष से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई कमी नहीं की है. सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाकर जनता के पैसों की लूट कर रही है. यह सरकार केवल धनाढ्य लोगों और उद्योगपतियों के हितों की रक्षा में लगी है, जबकि आम जनता को नजरअंदाज कर दिया गया है. सरकार के इस रवैये की कड़ी निंदा की गई. इस दौरान ‘मोदी सरकार चोर है, रद्द करो, रद्द करो, पेट्रोल-डीजल की दरवृद्धि रद्द करो' जैसे नारे लगाए गए. इस आंदोलन में शहराध्यक्ष प्रशांत जगताप के साथसाथ पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे.